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कैमूर : रुपये चोरी के आरोप में नौकरानी की पिटाई कर स्कूल संचालक ने बनाया बंधक

कैमूर के भभुआ डीपीएस स्कूल में नौकरानी का काम करने वाली महिला पर एक लाख रूपया चोरी करने का स्कूल संचालक द्वारा आरोप लगाते हुए उसे 17 दिनो तक बंधक बनाने का मामला सामने आया है. वहीं स्कूल संचालक के भाई और भतीजे ने महिला की हाथ-पैर बांध कर इसकी पिटाई भी की. वहीं पीड़ित महिला द्वारा एससी, एसटी थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गयी है.

बताया जाता है कि पीड़िता के पति ने कई वर्ष पहले ही उसे छोड़ दिया है, अब उसे सहारा देने वाला भी कोई नहीं. स्कूल संचालक के भतीजे ने महिला के बेटे को सूचना दिया था कि तुम्हारी मां रुपये चुराई है, रुपये दिला दो नही तो पिटाई की जाएगी. जिसके बाद उन्होंने 17 दिनों तक महिला को स्कूल में ही बंधक बनाए रखा. बाद पीड़िता की बहन ने पुलिस को साथ ले जाकर किसी तरह उसे वहां से निकाला. लेकिन, घटना के दो माह होने के बाद भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नही की. मामले पर मीडिया ने कैमूर एसपी से पूछताछ किया तो एसपी ने केवल कार्रवाई किये जाने की बाते कह कुछ भी बताने से इनकार कर दिया. उधर, स्कूल के संचालक धर्मेन्द्र सिंह का कहना है कि मुन्नी कुमारी मेरे स्कूल में दाई का काम करती थी. दो वर्षो से वहीं उसका रहना भी होता था. एक दिन दराज से एक लाख रूपया गायब हो गया तो पुछा गया तो स्वीकार नही की, उसी बीच मेरे भाई और भतीजे ने पिटाई कर दी तो उसने स्वीकार किया कि हम पैसे लिए हैं. स्कूल से जाने के बाद एससी, एसटी केस दर्ज कर दिया. जबकि मैने भी उसके खिलाफ रुपये चोरी की प्राथमिकी दर्ज कराई है.

पीड़ित महिला का कहना है कि मै भभुआ डीपीएस स्कूल में पांच वर्ष से रहती थी. पिछले छः मार्च को स्कूल के संचालक ने एक लाख रूपये चोरी करने का आरोप लगा दिया और उसका भाई और भतीजा ने मेरे हाथ-पैरो को बांधकर घंटो पिटाई की. मैं कराहती रही पर किसी ने रस्सी भी नही खोला. बाद में स्कूल के वार्डेन ने जब मुझे देख तो महिला को रस्सी खोली गई और 17 दिनों बाद जब मेरी बहन पुलिस लेकर स्कूल में पहुंची तो मुझे छोड़ा गया. वहीं भभुआ सिविल कोर्ट के क्रिमिनल लॉयर वीरेन्द्र सिंह का कहना है कि एससी, एसटी मामले में 24 घंटे में केस दर्ज कर तत्काल जिले के डीएम को सूचना देना पुलिस का पहला काम है. जब केस दर्ज हो चुका हो तो देरी किस बात की? पुलिस द्वारा देरी करने से पीड़ित को मुआवजे भी नहीं मिलता जो कि उसका सरकारी हक है. इसे पुलिस की बड़ी लापरवाही कही जा सकती है. वहीं पुुुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नही किये जाने के बाद अब महिला ने कैमूर पुलिस के खिलाफ राष्ट्रीय एससी, एसटी आयोग दिल्ली, पटना और मानवाधिकार आयोग और महिला आयोग को पत्र लिखकर न्याय की गुहार लगाई है. बिहार एससी, एसटी आयोग के अध्यक्ष ललन पासवान ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है कैमूर एसपी से भी बात हुई जल्द कार्रवाई करने का आदेश दिया गया है जिससे महिला को न्याय मिल सके. (विशाल कुमार की रिपोर्ट).

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