कैमूर : पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने फिर दिया विवादित बयान, कहा-शराब दवा के रूप में लेना स्वास्थ्य के लिए है फायदेमंद, बिहार में अधिकारी भी पीते हैं शराब
कैमूर में पूर्व सीएम जीतन राम मांझी बिहार में शराब बंदी पर फिर एक बार बयान देकर राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दिया है. मांझी का साफ कहना था कि शराब दवा के रूप के लेना स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है, ज्यादा शराब पीना हानिकारक होता है. इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी कहा कि बिहार में शराब बंदी है पर अधिकारी रात को पीकर अपने कमरे में सो जाते है, जबकि मजदूर लोग खाना कम खाते है पर शराब ज्यादा पीते है, जिससे उनपर कार्रवाई हो जाती है, फिर वर्षों जेल में पड़े रहते है. बड़े-बडे लोग शराब का कारोबार करते है पर उनपर कोई कार्रवाई नहीं होती है जबकि मजदूर पीते है तो उनपर कार्रवाई होती है जो गलत है. कैमूर जिला यूपी के सीमावर्ती जिला है जिससे शराब माफिया आराम से शराब को बिहार लेकर आते है और दोगुने दाम पर बेचते हैं.
बता दे कि बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी एससी एसटी कल्याण समिति के पांच सदस्यीय टीम का नेतृत्व करने कैमूर पहुंचे थे. उन्होंने अनुसूचित जाति जन जाति विद्यालयों की जांच की. साथ ही बच्चों के छात्रवास का भी जांच किया, जिसमें भारी अनियमितता पाई गई. उन्होंने अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण के लिए चल रही योजना का भी निरीक्षण किया. साथ ही अधिकारियों और कार्यकर्ताओं को अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण के लिए योजना के बारे में जागरूक किया.
वहीं अधौरा पहाड़ी पर वन सेंचुरी अधिनियम के हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि वन वासियों को महुआ पियार लकड़ी पर रोक वन विभाग के दौरा लगाया गया जो गलत है. उन्होंने अनुसूचित जाति जन जाति प्रताड़ित मामले को और तेजी लाने और लोगो को जागरूक करने पर अधिकारी को दिशा निर्देश दिया. (विशाल कुमार की रिपोर्ट).
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