गोपालगंज में नवनिर्मित सारण बांध के कटने का खतरा बढ़ा, बांध को बचाने की कवायद शुरू
अतुल सागर
गोपालगंज में गंडक के जलस्तर में आई कमी के बावजूद नवनिर्मित सारण बाँध के कटने का खतरा बढ़ गया है. कुचायकोट के काला मटिहनिया और सदर प्रखंड के भसही गाँव के गंडक में पूरी तरह से कट जाने के बाद अब गंडक का पानी करोडो की लागत से बने नवनिर्मित सारण बाँध के समीप पहुच गया है. जिसको लेकर जलसंसाधन विभाग ने अब बाँध को बचाने के लिए दिनरात एक कर दिया है.
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बता दे कि यहाँ भसही गाँव के अस्तित्व के समाप्त होने के बाद सारण बाँध पर बोल्डर पिचिंग का कार्य कराया जा रहा है. जब सारण बाँध से गंडक नदी की दुरी कई सौ मीटर थी. तब ग्रामीणों ने जलसंसाधन विभाग से लेकर जिला प्रशासन तक मदद की गुहार लगाते हुए कटाव निरोधी कार्य तेज करने की मांग की थी. लेकिन ग्रामीणों की गुहार काम न आई. हजारो एकड़ में लगी गन्ने की फसल और खेत गंडक में विलीन हो गए. सैकड़ो घर , सरकारी अस्पताल और स्कूल सब एक एक कर गंडक में समां गए. उसके बाद जलसंसाधन विभाग के द्वारा इस क्षेत्र में कार्य शुरू नहीं किया गया.
लेकिन अब जब एक सप्ताह से गंडक का पानी लगातार तटबंध के समीप पंहुच गया और सारण बाँध में कटाव शुरू हुआ तब अधिकारियों के द्वारा बोल्डर पिचिंग, प्रोकोपाइन और पत्थर के ठोकर बनाकर कटाव निरोधी कार्य कराये जा रहे है. हालाकि विभागीय लापरवाही को लेकर गंडक दियारा संघर्ष समिति ने भसही गाव के समीप बाँध पर सात दिनों तक धरना दिया और अपना विरोध प्रकट किया. स्थानीय लोगो के मुताबिक अगर बाँध बचाव कार्य युद्धस्तर पर नहीं किया गया तो वे उग्र प्रदर्शन करेंगे.
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