छपरा : फाईलेरिया से पीड़ित मरीजों के बीच सेल्फ केयर कीट का हुआ वितरण
छपरा में शुक्रवार को जिला मलेरिया कार्यालय में फाईलेरिया (हाथी पांव) के मरीजों के बीच सेल्फ केयर कीट का वितरण किया गया. सिविल सर्जन डॉ माधवेश्वर झा और जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ दिलीप कुमार सिंह ने संयुक्त रूप से कीट वितरण कार्यक्रम का शुभारंभ किया. इस दौरान फाईलेरिया पीड़ित मरीजों को जागरूक भी किया गया तथा पांव को नियमित साफ-सफाई करने के बारे में जानकारी दी गयी. भीबीडीसीओ डॉ दिलीप कुमार सिंह ने अपने हाथों से हाथी पांव के मरीजों को पैरों की धुलाई व सफाई की. साथ ही 28 हाथी पांव के मरीजों को सेल्फ केयर कीट भी दी.
इस दौरान उन्होने बताया फाईलेरिया से बचाव हीं इलाज है. किट में तौलिया, साफ पानी से धोने के लिए छोटा बर्तन, सफाई के बाद मरहम और अन्य सफाई की छोटी-छोटी जरूरत के समान दिए गये हैं. मरीजों को नियमित पांव की धुलाई व सफाई करने के लिए प्रेरित किया गया. भीबीडीसीओ डॉ दिलीप कुमार सिंह बताया नियमित पैरों की धुलाई से कई तरह के संक्रमण से बचाव हो सकेगा. दिन में कम से दो बार हाथी पांव वाले मरीजों को पैरों की धुलाई व सूती कपड़ा साफ करना चाहिए. इससे बुखार व ठंड के साथ-साथ संक्रमण से भी बचाव हो सकेगा. सूजन को कम करने के लिए व्ययाम किया जाना चाहिए.
इस मौके पर जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम अरविन्द कुमारी, यूनिसेफ के जिला समन्व्यक आरती त्रिपाठी, भीबीडीसी प्रीतिकेष कुमार, मलेरिया इंस्पेक्टर मुस्तफा अंसारी, भीडीसी अनुज कुमार, राकेश कुमार सिंह, शाकिब अयाज समेत अन्य स्वास्थ्यकर्मी मौजूद थे.
सभी प्रखंडों में होगा कीट का वितरण :
सिविल सर्जन डॉ माधवेश्वर झा ने बताया जिले में कुल 1000 सेल्फ केयर कीट आया है. सभी प्रखंडों में 40-40 कीट भेजे जाएंगे. इसको लेकर सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को पत्र के माध्यम से निर्देश दिया गया है कि मलेरिया कार्यालय से सेल्फ केयर कीट का उठाव कर वितरण कराना सुनश्चित करें. साथ हीं साथ यह भी निर्देश दिया गया है कि कीट वितरण के दौरान हाथीपांव के मरीजो को बिमारी के लक्षण बचाव तथा उपचार के बारे में भी जागरूक किया जाये.
फाइलेरिया से कैसे करें बचाव :
भीबीडीसीओ डॉ दिलीप कुमार सिंह ने बताया फाइलेरिया मच्छर के काटने से फैलता है, इसलिए बेहतर है कि मच्छरों से बचाव किया जाए. इसके लिए घर के आस-पास व अंदर साफ-सफाई रखें। पानी जमा न होने दें और समय-समय पर कीटनाशक का छिड़काव करें. पूरी बाजू के कपड़े पहनकर रहें. सोते वक्त हाथों और पैरों पर व अन्य खुले भागों पर सरसों या नीम का तेल लगा लें हाथ या पैर में कही चोट लगी हो या घाव हो तो फिर उसे साफ रखें. साबुन से धोएं और फिर पानी सुखाकर दवाई लगा लें.
इन बातों का रखें ध्यान :
• रात को सोते वक्त मच्छरदानी प्रयोग करें.
• पूरी बाजू के कपड़े पहने.
• आसपास गंदगी या कूड़ा जमा ना होने दें.
• नालियों में पानी रुकने ना दें.
• इस रोगी दवा खाली पेट नहीं लेनी चाहिए. (सेंट्रल डेस्क).
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