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बेगूसराय : 11 वर्ष से लोगों के जीवन रक्षक बने दस गोताखोरों की सेवा अचानक समाप्त

बेगूसराय में सिमरिया गंगा घाट सहित बेगूसराय जिले के गंगा नदी एवं विभिन्न जगहों पर पानी में डूबने वालों के जीवन रक्षक बने डीडीआरएफ के दस गोताखोरों की सेवा गुरुवार से अचानक समाप्त कर दी गई है. इन सभी गोताखोरों को मीडिया कर्मियों को फोटो एवं वीडियो सहित अन्य प्रकार से मदद करने की सजा मिली है.

गुरुवार की सुबह तक यह सभी लोग पूरी मुस्तैदी से सिमरिया गंगा घाट पर स्नान करने आए लोगों को गहरे पानी में जाने से रोक रहे थे, डूबने वाले को बचा रहे थे. लेकिन, दोपहर में अचानक बरौनी अंचलाधिकारी द्वारा सेवा समाप्त करने का पत्र भेज दिया गया. जिसमें कहा गया है कि सिमरिया गंगा घाट पर दैनिक वेतन भोगी मजदूर के रूप में कार्यरत गोताखोर अनिल महतो, अमर कुमार, जटहु महतो, भरत निषाद, सुनील महतो, मनीष कुमार, शत्रुध्न निषाद, सीताराम महतो, तेतर महतो एवं अर्जुन महतो को आज से कार्य मुक्त किया जाता है. सिमरिया गंगा घाट पर एसडीआरएफ के नहीं रहने के कारण राहत एवं बचाव कार्य के लिए दैनिक मजदूरी के रूप में गोताखोर कार्य के लिए सभी की प्रतिनियुक्ति की गई थी, जिनके दैनिक मजदूरी का भुगतान अगस्त तक का किया गया है. आपदा विभाग बिहार पटना के द्वारा सिमरिया गंगा घाट पर स्थाई रूप एसडीआरएफ टीम की प्रतिनियुक्ति की जा चुकी है. इसलिए वर्त्तमान में इन सभी गोताखोर की आवश्यकता नहीं है. इसके कारण एक दिसम्बर के तत्काल प्रभाव से उक्त सभी गोताखोर को कार्य से मुक्त किया जाता तथा आपदा से संबंधित सभी सामाग्री रबड़ मोटर एवं लाईफ जैकेट इत्यादि एसडीआरएफ टीम कमांडेंट को सौंप दें.

उल्लेखनीय है कि यह सभी गोताखोर ना केवल सिमरिया घाट में प्रत्येक वर्ष 50 से अधिक लोगों को डूबने से बचाते थे बल्कि दिन-रात घाट पर रहकर किसी भी समय डूबने वाले को जान पर खेलकर पानी से निकालते थे. इसके अलावा बेगूसराय के गंगा नदी सहित विभिन्न नदियों में जहां कहीं भी किसी की डूबकर मौत होती थी तो इन्हीं लोगों को शव निकालने के लिए भेजा जाता था फिलहाल सिमरिया घाट पर एसडीआरएफ टीम की तैनात की गई है, लेकिन इस टीम को घाट से दूर एक कमरा दे दिया गया है. जिसके कारण सिमरिया में डूबने वाले को एक ओर बचाना मुश्किल हो गया है तो दूसरी ओर 2011 से लगातार कार्यरत डीडीआरएफ के इस दस गोताखोर परिवार के समक्ष रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है. (पिंकल कुमार की रिपोर्ट).

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