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बेगूसराय : निजी अस्पतालों की मनमानी को लेकर अभाविप ने डीएम तथा आईएमए सचिव को सौंपा ज्ञापन

बेगूसराय में बुधवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के एक प्रतिनिधि मंडल ने डीएम तथा आईएमए के सचिव डॉ रंजन चौधरी से मिलकर एक ज्ञापन सौंपा.

ज्ञापन सौंपते हुए एबीवीपी के पूर्व राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य अजीत चौधरी ने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद जिला प्रशासन और चिकित्सा संघ से यह मांग करती है कि सभी निजी अस्पताल सरकार द्वारा तय किए गए दर की लिस्ट अपने हॉस्पिटल पर चिपकाए एवं उससे अधिक राशि किसी भी स्थिति में ना वसूला जाए. इन्होंने कहा कि विभिन्न चिकित्सालय द्वारा मनमाने ढंग से पैसे की उगाही बंद नहीं की गई तो वैसे अस्पताल में ताला लगाने का कार्य विद्यार्थी परिषद करेगी. विद्यार्थी परिषद इस प्रकार के गतिविधि की कड़ी शब्दों में निंदा करती है क्योंकि यह त्रासदी के समय मानवता को शर्मसार करने वाली घटना है.

वहीं इस संबंध में आईएमए के सचिव डॉ रंजन चौधरी ने कहा कि विद्यार्थी परिषद की मांग बिल्कुल जायज है और हमने पूर्व में भी सभी अस्पताल को यह कहा है कि आप निर्धारित दर से अधिक राशि ना वसूले. हम धरती पर ईश्वर की छाया के रूप में कार्य करते हैं तो हमारा कार्य भी ईश्वरीय ही होना चाहिए और इस भीषण परिस्थिति में हमें मानवता को प्रथम स्थान देना चाहिए. नगर मंत्री पुरुषोत्तम कुमार ने कहा कि विगत दिनों एक निजी चिकित्सालय द्वारा एक रोगी से पैसा वसूलने में हद पार कर दिया गया. अपने बेटी की शादी के लिए खरीदे गए कुछ जेवर को बेचकर अस्पताल का पैसा चुकता करवाया गया. वहीं कुछ निजी अस्पताल एक रात के लिए मृत मरीज के परिजन से 45000 वसूल लिए. ग्लोकल जैसे अस्पताल के द्वारा एंटीजन कीट की ब्लैक मार्केटिंग 500 से लेकर 1000 में की जा रही है. यदि जिलाधिकारी महोदय इस प्रकार के अस्पतालों पर शीघ्र कार्यवाही नहीं करते हैं तो विद्यार्थी परिषद अस्पताल के समक्ष प्रदर्शन करने को बाध्य होगा. हम असहाय लोगों के साथ बर्बरता बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं.

वहीं नगर सह मंत्री अंशु कुमार व कार्यालय मंत्री विवेक कुमार ने मांग किया कि मरीज की मृत्यु हो जाने की स्थिति में कोई भी अस्पताल केवल दवाई और जांच का पैसा ही परिजनों से ले, अन्य शुल्क को माफ कर दिया जाए. साथ ही जिला स्तर पर दो हेल्पलाइन नंबर जारी किया जाए, जिस पर किसी भी निजी अस्पताल द्वारा मनमानी के खिलाफ शिकायत दर्ज किया जा सके एवं उस पर त्वरित कार्रवाई भी हो सके. विद्यार्थी परिषद ऐसे समय में सरकारी सिस्टम को मानवता की भलाई के लिए समर्पित मानता है किंतु वर्तमान में बेगूसराय का आलम यह है कि बार-बार मानवता शर्मसार हो रही हैं. कुछ अस्पतालों द्वारा 25 किलोमीटर तक मृत मरीज को पहुंचाने के लिए परिजनों से 12000 तक किराया लिया गया, किंतु आज उनकी सुनने वाला कोई नहीं है. उन्होंने कहा कि उक्त ज्ञापन की एक एक प्रतिलिपि सिविल सर्जन बेगूसराय तथा बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री को भी दिया गया है, ताकि ऐसे अस्पतालों की मनमानी पर शीघ्र रोक लग सके. (पिंकल कुमार की रिपोर्ट).

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