पटना : पूर्व प्राचार्य मधुसूदन प्रसाद की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा सह काव्य गोष्ठी आयोजित
अभिषेक श्रीवास्तव
पटना में रविवार को साहित्यिक-सांस्कृतिक संस्था सामयिक परिवेश द्वारा अभियंता नगर स्थित महासरस्वती टावर में स्व मधुसूदन प्रसाद की चौथी पुण्यतिथि के अवसर पर श्रद्धांजलि सभा सह काव्य-गोष्ठी का आयोजन किया गया. कार्यक्रम के प्रारंभ में सभी अतिथियों द्वारा दिवंगत की तस्वीर पर पुष्प अर्पित किया गया तथा दो मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई.
इस अवसर पर जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने संबोधन में कहा कि स्व मधुसूदन बाबू एक कुशल शिक्षक, गणितज्ञ के अलावा संगीतज्ञ और साहित्यप्रेमी भी थे. ‘सादा जीवन, उच्च विचार’ को उन्होंने अपने जीवन का आदर्श बनाया था. आनंद बिहारी प्रसाद ने कहा कि मधुसूदन बाबू सादगी और सच्चरित्रता की प्रतिमूर्ति थे. प्रसिद्ध साहित्यकार एवं समाजसेवी ममता मेहरोत्रा ने कहा कि सामयिक परिवेश आगे से इस आयोजन को और विस्तृत रूप दिया जाएगा.
मधुसूदन बाबू के पुत्र एवं प्रसिद्ध शायर समीर परिमल ने अपने पिता की स्मृतियों को जीवंत करते हुए शेर सुनाया.
“दूर आँखों से गर गए वालिद
कौन कहता है मर गए वालिद
मौत उनकी नहीं ये मेरी थी
आज मुझमें उतर गए वालिद”
ज्ञातव्य है कि स्व मधुसूदन प्रसाद डॉ राजेन्द्र प्रसाद उच्च विद्यालय, हथुआ (गोपालगंज) में लंबे समय तक प्रधानाध्यापक रहे। अपनी सादगी, विद्वता, गणितीय विशेज्ञता, तबला वादन तथा साहित्य प्रेम के कारण आज भी लोग उन्हें श्रद्धापूर्वक याद करते हैं.
वहीं दूसरे सत्र में एक भव्य काव्य-गोष्ठी का आयोजन हुआ जिसमें क़ासिम ख़ुरशीद, संजय कुमार कुंदन, समीर परिमल, रामनाथ शोधार्थी, अक्स समस्तीपुरी, परवेज आलम, विकास राज, ज्योति स्पर्श, कुंदन आनंद, नेहा नारायण सिंह, ओसामा ख़ान, अहमद सिद्दीकी, अविनाश अमन, प्रत्यूष चंद्र मिश्र, नरेंद्र कुमार, गणेश जी बागी, सूरज ठाकुर बिहारी, अविनाश अम्न, असमुरारी नंदन मिश्रा, हेमंत दास हिम, कुंदन आनंद आदि ने अपनी रचनाएँ प्रस्तुत की. रामनाथ शोधार्थी ने कार्यक्रम का संचालन किया.
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