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पटना : राष्ट्रीय कवि संगम के तत्वावधान में कवी सम्मेलन आयोजित

अभिषेक श्रीवास्तव

पटना में रविवार को ‘राष्ट्रीय कवि संगम’ के तत्वावधान में कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ. राष्ट्रीय कवि संगम द्वारा पहली बार बिहार में आयोजित इस कवी सम्मेलन में पटना समेत कई जिलों के 50 से भी अधिक प्रतिनिधि कवियों ने शिरकत करते हुए जमकर काव्य-धारा बहाई.

बता दें कि करीब छ: घंटे तक चले इस कार्यक्रम का उद्घाटन झारखंड से आए नव्यव्याकरणाचार्य एवं मुख्य अतिथि पंकज झा द्वारा दीप प्रज्जवलन कर किया गया. वहीं इस अवसर पर अविनाश कुमार पांडेय के संयोजकत्व में राष्ट्रीय कवि संगम की बिहार इकाई का गठन भी किया गया. साथ ही राज्य के छ: जिला इकाइयों का भी गठन हुआ. इस मौके पर पंकज झा ने अपने संस्कृत गीतों से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया. प्रसिद्ध शायर समीर परिमल ने सुनाया ‘किस्मत जाने कैसे कैसे खेल दिखाने वाली है दुनिया बन गई करणी सेना, तन्हा दिल भंसाली है’ वहीं डॉ. रामनाथ शोधार्थी ने सुनाया ‘रात भर थपथपाया है ख़ुद को जैसे तैसे सुलाया है ख़ुद को’. नालंदा से आये युवा कवि संजीव मुकेश ने मगध की धरती पर अपनी मगही व्यंग रचना ‘ई ससुरी चाय! बड़ी बलाय, जे घर जाहूं ओजय मिल जाय! ई ससुरी चाय!’ से लोगों को खूब गुदगुदाया व तालियां बटोरीं. जबकि अंजनी कुमार सुमन ने ‘सब मुहब्बत करे वो जमाना तो दो’ सुनाया. दरभंगा के विनोद कुमार हसौड़ा ने वीर रस एवं हास्य रस की रचनाओं से दर्शकों को लोटपोट कर दिया. राजगीर की डॉ रेखा सिन्हा ने भी रचना पढ़ी तो नालंदा के मनीष रंजन ने ओज की कविता सुनाकर सबका दिल जीतने का प्रयास किया. जहानाबाद के सागर आनंद ने गज़ल पेश किया. समस्तीपुर से विजय व्रत कंठ के द्वारा रचना पढ़ी गई.

मौके पर 50 से भी अधिक कवियों ने काव्य पाठ किया. कवि सम्मेलन का संचालन किया कुमारी स्मृति कुमकुम ने तथा अध्यक्षता की डॉ सुदर्शन श्रीनिवास शाण्डिल्य ने. उपस्थित अन्य महत्वपूर्ण कवियों में कवि घनश्याम, स्वराक्षी स्वरा, नेहा नारायण सिंह, सरोज तिवारी, अरुण कुमार राय, सुरज ठाकुर, संजीव मुकेश, अक्स समस्तीपुरी, मधुरेश नारायण, विकास राज आदि ने दर्शकों की खूब वाह वाही लूटी. धन्यवाद ज्ञापन संयोजक अविनाश कुमार पांडेय ने किया. सभी कवियों को ‘राष्ट्रीय कवि संगम’ द्वारा प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किया गया.

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