हजारीबाग : सूर्यकुंड परिसर के सौंदर्यीकरण और कुंड निर्माण कार्य में हो रहा विलंब
नवीन सिन्हा / सुनील कुमार
हजारीबाग के बरकट्ठा प्रखंड ही नही बल्कि जिले का प्रसिद्ध पर्यटन विकास की तमाम सम्भावनाओ के बावजूद सूर्यकुंड विकास की परिकल्पना सफलीभूत होने में विलंब हो रही है.
ज्ञात हो अध्यक्ष राज्य आवास बोर्ड सह विधायक जानकी प्रसाद यादव के अथक प्रयास से सूर्यकुंड गर्म जल कुंड परिसर का सौंदर्यीकरण व कुंड निर्माण का कार्य जिसकी लागत लगभग 5 करोड़ की है कि निर्माण की गति काफी धीमी है. बिना टेक्निकल टीम के निर्माण कार्य को देखने वाला कोई नही है. ग्रामीण विकास विभाग विशेष प्रमंडल के देखरेख में हो रहे निर्माण कार्य की रफ्तार को देखकर लगता है आने वाले ठंड के समय जब यहाँ स्नान करने वाले यात्रियों की संख्या में काफी बढ़ जाती है, ऐसे स्नान करने वालो के लिए कुंड नही है.
बरसात में पानी भरने के कारण पूरा कुंड परिसर तालाब में बदल गया है. जल निकासी का उचित प्रबंध नही है. साथ ही कार्य स्थल पर मजदूरों की भी भारी कमी है. कारण जो हो लेकिन जिस गर्म कुंड के लिए यह सूर्यकुंड विख्यात है. ठीक विपरीत वर्तमान समय मे स्नान करने के स्थान नजर नही आता है. उचित सलाह के अभाव में पश्चिम साईड की चहारदीवारी भी गिर गयी है. अब बारी है मुख्य कुंड की है जहां बरसात का पानी जमने में देर नही लगेगा.
इस बाबत कार्य स्थल पर रहने वाले संवेदक के मुंशी अनीश के अनुसार मजदूर नही आ रहे हैं इसलिए समस्या बढ़ गयी है. वही मन्दिर परिसर में रहने वाले पुजारियों की माने तो मुंशी मनमानी करता है. हम सभी सूर्यकुंड का विकास होते देखना चाहते है और ठीकेदार और मुंशी कुंड परिसर को समाप्त करने पर आमादा है.
गौरतलब है कि मुख्य कुंड से 24 घण्टे गर्म जल का निकास होते रहता है. जिसे पहले पक्की नालियों के सहारे कुंडों में पहुचाया जाता था. लेकिन नए कुंड निर्माण के लिए सभी पुराने कुंडों को तोड़ दिया गया अब मात्र एक कुंड ही बचा हुआ है. उसकी जल निकासी की उचित प्रबन्धन नही किया गया है. मात्र एक पम्प के सहारे पानी निकासी करना सम्भव नही है. अगर कुंड से केसिंग पाइप के सहारे पानी को बाहर निकाला जाता तो समस्या कम रहती लेकिन वे किसी की भी सलाह लेना पसंद नही करते. फलस्वरूप, बरसात का पानी लगभग मुख्य कुंड को भी अपनी जद में ले लिया है.
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