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चाईबासा : शहर के गुटखा विक्रेताओं की दुकान पर पुलिस का छापा, भारी मात्रा में गुटखा जब्त

संतोष वर्मा

चाईबासा स्कूलों एवं शैक्षणिक संस्थानों के आसपास गुटखा एवं तंबाकू निर्मित उत्पादों की बिक्री रुकने का नाम नहीं ले रही है. शनिवार को अपर उपायुक्त सह विशेष तंबाकू नियंत्रण पदाधिकारी इंदु गुप्ता के नेतृत्व में उड़नदस्ता की टीम द्वारा शहर के लगभग एक दर्जन से अधिक गुटखा एवं तंबाकू निर्मित उत्पाद के बिक्री स्थलों (दुकानों) में औचक छापामारी कर भारी मात्रा में गुटखा एवं संबंधित पैकेट जप्त किए गए.

सर्वप्रथम उड़नदस्ता की टीम द्वारा मांगीलाल रुंगटा उच्च विद्यालय के एक सौ गज के दायरे में आने वाले गुटखा दुकान के अलावा बस स्टैंड चौक के दुकानों, जैन पेट्रोल पंप के समीप ,स्काउट स्कूल के समीप, स्टेट बैंक के प्रधान कार्यालय के समीप के पान एवं गुटका दुकानों में छापेमारी कर संबंधित सामग्री व को जप्त किया एवं कोटपा 2003 अधिनियम के तहत प्रत्येक दुकानदारों पर 200 का जुर्माना लगाया गया. साथ ही सभी दुकानदारों से बांड भी भरवाया गया कि आगे से वह इस तरह के प्रतिबंधित उत्पादों की बिक्री नहीं करेंगे.

मौके पर मुख्य रूप से डीएसपी हेडक्वार्टर अरविंद कुमार के अलावा स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सा प्रभारी एवं अन्य मौजूद थे.

जिले में प्रतिदिन पांच लाख से अधिक का होता है गुटखा का कारोबार

बता दें कि पश्चिमी सिंहभूम (चाईबासा) जिले में प्रतिदिन औसतन 5 लाख रूपये के गुटखा की बिक्री होती है. पर गौर करने वाली बात यह है कि झारखंड में 7 वर्षों से प्रतिबंधित गुटखा की आपूर्ति कहां से होती है, यह किसी को नहीं पता.

उक्त जानलेवा गुटखा की 90%आपूर्ति पड़ोसी राज्य उड़ीसा से चाईबासा, जगन्नाथपुर एवं चक्रधरपुर के कुछ चुनिंदा थोक व्यवसायी बसों एवं अन्य मालवाहक वाहनों के माध्यम से चम्पुवा-जैतगढ़ व बहलदा के रास्ते मंगवाते हैं और उसे खुदरा पान दुकानदारों एवं अन्य दुकानदारों को सप्लाई कर देते हैं. एक ओर इस जहर रूपी गुटखा को खाकर कई लोग कई प्रकार की बीमारियों से ग्रसित होकर कैंसर अस्पतालों के चक्कर काट रहे हैं. वहीं शहर में जहर के कारोबारी दिन प्रतिदिन मालामाल हो रहे हैं. और तो और जहर के थोक व्यापारियों द्वारा खुदरा दुकानदारों को अधिक से अधिक गुटखा के पैकेट बेचने पर स्कीम के तहत उपहारों से नवाजा भी जाता है. जिससे बेचने वालों की चाहत में और इजाफा भी हो जाता है.

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