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चाईबासा : सड़क नहीं होने के कारण नहीं पहुंचती है गांव में ममता, वाहन व 108 नंबर की एबुंलेंस, महिला ने घर में ही दिया शिशु को जन्म, इलाज के अभाव में बच्चे की हुई मौत

संतोष वर्मा

झारखंड में जहां एक ओर सरकार राज्य के विभिन्न जिलों में लोगों की सुविधा के लिए पीसीसी और पक्की सड़क निर्माण का जाल बिछाने की कवायद में जुटी है. वहीं आज भी कई ऐसे गांव है जहां सड़क के अभाव में प्रसूताओं की जान पर आफत बनी है. गांव में सड़क नहीं होने के कारण सरकार द्वारा दी गई 108 एबुलेस की सुविधा लोगों के पहुंच से दुर है.

ऐसा ही एक मामला जिले के जगन्नाथपुर अनुमंडल मुख्यालय के प्रखंड मुख्यालय में पड़ने वाली तोड़ागहातु पंचायत के पपरीसाई गांव में देखने को मिला जहां सड़क नहीं होने के कारण नही प्रसूता के घर 108 नंबर वाली एम्बुलेंस नहीं पहुंच पाई, जिसके कारण प्रसूता ने एक नवजात को अपने ही घर में जन्म दिया लेकिन नवजात बच्चे की मौत हो गई. हालांकि सरकार का प्रयास है कि जच्चा और बच्चा को सुरक्षीत रखेंं. लेकिन इस गांव में सड़क नहीं होने के कारण आये दिन इस तरह की घटना सुनने को मिलती है.

ज्ञात हो कि सुदर्शन लागुरी की पत्नी अनिता तांती बीती रात करीब नौ बजे से दर्द से कराह रही थी और प्रसव कराने के लिए तड़प रही थी. इधर सुदर्शन ने 108 नंबर पर डायल करने का प्रयास किया लेकिन गांव के लोगों नें कहा कि पहले किसी तरह खेत से गाड़ी आया करती थी लेकिन अब उस खेत में नाला काट कर बना दिया है, जिस कराण 108 नंबर एबुलेंस नहीं आ सकती है. एम्बुलेंस नहीं आने के कारण ही एक माह पूर्व सुदर्शन लागुरी के घर के बगल में घर में भी प्रसव हुआ और बच्चे की मौत हो गई. साथ ही बरसात होने के कारण गाड़ी जाना भी संभव नहीं है. रास्ता ही नहीं है.

रास्ता नहीं होने के कारण अंततः सुदर्शन लागुरी की पत्नी ने भी घर मे ही रात्रि करीब दो बजे एक शिशु को जन्म दिया. लेकिन जन्म देने के कुछ ही समय बाद इलाज के अभाव में बच्चे की मौत हो गई. इधर जब एएनएम को सुचना सुबह मिली तो सुदर्शन लागुरी के घर पहुंच कर प्रसूता को देखने पहुंची तो पता चला कि सात माह की ही गर्भवती थी जो समय से पहले शिशु को जन्म दी और बच्चे का वजन एक किलो तीन सौ ग्राम बताया गया.

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