सीवान : नियोजित शिक्षकों ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को दिया छ: सूत्री मांगों का ज्ञापन
चमन श्रीवास्तव
सीवान में जिले के नियोजित शिक्षक अपने कर्त्तव्यों का निर्वहन पूरी निष्ठा व ईमानदारी से करते आ रहे हैं. बावजूद इसके शिक्षक समाज भुखमरी, शोषण व दोहन का शिकार बने हुए हैं. जिसका समाधान आवश्यक है. ये बातें गुरुवार को बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के नवनियुक्त जिलाध्यक्ष सुधीर कुमार शर्मा ने डीईओ चन्द्रशेखर राय को छ: सूत्री मांगों का मांगपत्र सौंपने के उपरांत कही.
उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में शिक्षकों को अर्थाभाव में मानसिक व शारीरिक उत्पीड़न का दंश झेलना पड़ रहा हैं. धनाभाव से पीड़ित शिक्षकों की आये दिन मौत की ख़बरें सुनकर शिक्षक समाज में हाहाकार मचा हुआ है. तथापि विभाग व सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंगती. वहीं संघ के जिला सचिव मो शाहिद आलम ने कहा कि नियोजित शिक्षक संघ की मुख्यत: छह स्थानीय ज्वलंत मांगे हैं. इनमें एसएसए से भुगतान पाने वाले शिक्षकों का पिछले छह महीनों से वेतन भुगतान का नहीं होना, एरियर सहित विविध प्रकार के वेतन का भुगतान लंबित होना शामिल है.
नगर परिषद सीवान, नगर पंचायत महाराजगंज और मैरवा के शिक्षकों का वेतन भुगतान हेतु ट्रेज़री लाॅक अविलंब खुलवाया जाना सुनिश्चित किया जाना चाहिए. सातवें पुनरीक्षित वेतनमान का निर्धारण अभिलंब किया जाए. जिओबी से भुगतान पाने वाले प्रखण्ड क्रमशः गोरियाकोठी, रघुनाथपुर, गुठनी और नवतन के शिक्षकों का माह फरवरी 2017 का भुगतान अविलंब कराया जाना चाहिए. साथ ही हिन्दी व उर्दू विद्यालयों में क्रमशः शनिवार व बृहस्पतिवार को विद्यालय का संचालन सुबह 9:00 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक कराये जाने की मांग की गई. वहीं जिलाध्यक्ष ने अनुरोध करते हुए कहा कि यदि मांगों पर त्वरित कार्रवाई नहीं की गयी तो संघ आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा.
धरणा प्रदर्शन में जिला संयोजक मनोज कुमार यादव, राजीव रंजन तिवारी, सुरेंद्र पाण्डेय, मोहम्मद रब्बान, जुनेद अली, अरविंद कुमार पाण्डेय, ललन बैठा, दीपक कुमार साह, अभिनव कुमार, ओमप्रकाश यादव, गौतम कुमार मांझी, गंगासागर पासवान, वसी अहमद गोसी, अली अब्बास, जयराम यादव, उमेश कुमार, संतोष कुमार, मनोज सिंह, मृत्युंजय कुमार महतो, अभिषेक कुमार, शैलेश कुमार, काशिफ रजा, जितेंद्र कुमार यादव, माह आलम, ब्रज किशोर कुमार राय, संतोष कुमार सिंह, उपेंद्र कुमार यादव, अनवर हुसैन अंसारी, संजीव कुमार, शकील अख़्तर आदि सैकड़ों शिक्षक मौजूद रहें.
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