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सीवान : महाराजगंज में एक ऐसा गांव जहां आज तक नहीं बना मतदान केंद्र, वोट देने दो किमी चलकर दूसरे गांव जाते हैं ग्रामीण

शाहिल कुमार

https://youtu.be/Cexf9-yM1r0

सीवान के महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र का एक ऐसा गांव है जहां आजतक स्थायी मतदान केंद्र नहीं बना है. हम बात कर रहें है महाराजगंज प्रखंड क्षेत्र के माधोपुर पंचायत के गांव धनपुरा की, जहां आजादी के बाद से यहाँ की जनता वोट डालने के लिए गांव से दो किलोमीटर दुर दुसरे गांव में मतदान करने पर मजबूर है. गांव में सरकारी स्कूल रहने के बावजूद आज तक गांव में मतदान के लिए बुथ नहीं बनाए गए जिससे गांव के लोग गाँव में मतदान बुथ से वंचित हैं.

बता दें कि इस धनपुरा गांव की आबादी 1500 सौ से लगभग उपर है. जबकि 900 सौ से अधिक मतदाता हैं. यह गांव यादव बहुल क्षेत्र हैं जबकी यहाँ गोड़, कुम्हार, नट जाती के लोग रहते हैं. जो पिछड़ा, अनुसूचित जाती, अनुसूचित जनजाति के श्रैणी में आते हैं. बताते चलें कि धनपुरा गांव बिहार के स्वास्थ्य मंत्री के गृह पंचायत वलिया से सटा हुआ गांव हैं. धनपुरा गांव के लोगों को वोट देने के लिये दूसरे गांव में मतदाता केन्द्र बनाया जाता हैं. साथ ही आधे वोटरों के लिये एक गांव में तो आधे वोटरों के लिये दूसरे गांव में वोट डालने की व्यवस्थाकी जाती हैं.

वही चुनाव आयोग वोटरों को जागरुक करने के लिये करोड़ो खर्च करती हैं ताकि वोट का प्रतिशत बढ़े. परन्तु आजादी के बाद आज तक किसी भी जनप्रतिनिधि के साथ प्रशासनिक अधिकारियों का नजर इस गाँव की ओर नहीं गया इससे साफ जाहिर होता हैं की चुनाव आयोग के वोट बढाने का प्रतिशत महज खानपुर्ती रह गया हैं. इस लोकसभा के धनपुरा गांव की लाचार वृद्ध और महिलाए बूथ नहीं रहने की वजह से वोट से वंचित रह जाती हैं इस गांव की जनता को वोट देने का केन्द्र 2 किमी दुर दुसरे गांव में बनाया जाता है.

इस गांव के लोग आज तक स्थाई मतदान बुथ नहीं रहने से वोट के लिए बैलेट पेपर या ईवीएम मशीन के दर्शन तक नहीं किए हुए हैं. वही एक दशक से गांव में सरकारी स्कूल नया प्राथमिक विद्यालय भी हैं गांववासियों का कहना हैं कि इतना बड़ा गांव होने के बावजूद कोई बूथ नहीं रहने से धनपुरा गांव के अधिकतर मतदाता वोट से वंचित हो जाते हैं क्योकी वोट देने के लिए गाँव से दो किमी से भी ज्यादा दुर होने के चलते दुसरे गांव में चलकर जाना मुश्किल पड़ता हैं. वोट डालने गांव के मतदाताओ को दो किमी से ज्यादा दूर गौर बुजुर्ग के सरकारी स्कूल में या तीन किमी दुर गौर कथक गांव में मतदान केन्द्र बनाया जाता है.

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