सीवान : चोरी के उद्भेदन में विज्ञान व आधुनिक तकनीक के बजाए तंत्र-साधना की मदद ले रही जीआरपी
अभिषेक श्रीवास्तव
आज जहां पूरी दुनिया विज्ञान और तकनीक के सहारे चांद और सूरज पर पहुंचने में लगी है. वहीं सीवान में राजकीय रेल पुलिस द्वारा एक कांड के उद्भेदन में तंत्र-मंत्र और साधना जैसे अंधविश्वास का सहारा लिए जाने का एक मामला उजागर हुआ है. मामला करीब एक सप्ताह पूर्व सीवान रेलवे कालोनी में हुए रेल कर्मचारी अनिल कुमार श्रीवास्तव के क्वार्टर से चोरी की घटना से जुड़ा है. इस चोरी के मामलें की खुलासे के लिए सीवान जीआरपी तांत्रिकों की शरण में चली गई है.
बता दें कि दो दिनों से जीआरपी के थानाध्यक्ष नंद किशोर सिंह अनिल कुमार श्रीवास्तव के क्वार्टर में तांत्रिक को लेकर जा रहें है तथा तांत्रिक द्वारा घर के लोगों से कभी दीपक जलाने तो कभी अक्षत, हल्दी आदि की मांग की जा रही है. मंगलवार की दोपहर में करीब दो बजे थानाध्यक्ष तांत्रिक को लेकर चोरी वाले स्थान पर पहुंचे. तांत्रिक ने कुछ पुजापाठ करने के बाद दीपक जलाया तथा शाम तक मामलें का भंडाफोड़ करने का दावा किया. लेकिन ऐसा नहीं हुआ फिर बुधवार की दोपहर 12 बजे तांत्रिक पहुंचा तथा घर के लोगों से कहा कि अक्षत लेकर मेरे गुरु के पास मैरवा चलना होगा. वही चोरों के नाम का खुलासा करेगें.
वहीं जीआरपी थानाध्यक्ष की इस अंधविश्वास से नाराज होकर सहायक इंजीनियर के कार्यालय अधीक्षक और पीड़ित अनिल कुमार श्रीवास्तव ने जीआरपी थानाध्यक्ष को पत्र लिख आरोप लगाया है कि घटना के दो दिनों तक आपके द्वारा घटना के संबंध में कोई न तो जांच की गई और न पूछताछ. उन्होंने अपने पत्र में कहा है कि हमलोगों ने दो चोरों को पकड़ा था. उन्होंने चोरी की घटना में अपनी संलिप्तता स्वीकार किया तथा तीसरे अपराधी चंदन का नाम बताया गया. दोनों ने बताया था कि चंदन के कहने पर वे दोनों चोरी करने आए थे. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा है कि दोनों अपराधियों को आपको सौंपा गया. लेकिन आपने बिना कुछ उनसे पूछताछ किए उन्हें छोड़ दिया. अनिल श्रीवास्तव ने अपने पत्र में लिखा है कि आपके द्वारा दोनों अपराधियों को छोड़े जाने के बाद उनके द्वारा धमकी दी जा रही है. उन्होंने थानाध्यक्ष से चोरी गए सामान को बरामद करने का आग्रह करने के साथ ही कहा है कि रेल कालोनी परिसर में अनाधिकृत रुप से घुमने वालें लोगों पर रोक लगाते हुए चोरी की घटनाओं पर रोक लगाया जाए ताकि रेलकर्मी बिना तनाव के काम कर सके. उन्होंने आरोप लगाया है कि अगर ऐसा नहीं होता है तो माना जाएगा कि चोरी की घटना में आपकी भी संलिप्तता है. इस परिस्थिति में सीवान के सभी रेलकर्मी आंदोलन करने को बाध्य होंगे.
इधर, मुजफ्फरपुर रेल पुलिस अधीक्षक का कहना है कि किसी भी घटना के खुलासे में किसी प्रकार की मदद लेने के लिए थानाध्यक्ष स्वतंत्र है. अगर वह तांत्रिकों की मदद ले रहें हैं तो उन्हें लेने दिजिए. पुलिस की इस समय मदद कोई नहीं करता. जहां तक दो लोगों को छोड़ने की बात है तो वे लोग जीआरपी की मदद अज्ञात शव को उठाने में करते है. किसी निर्दोष को मारपीट कर पुलिस को सौंपना ठीक नहीं है. जिन दो लोगों को रेलकर्मियों ने जीआरपी को सौंपा था. उनके विषय में भी जांच की जा रही है.
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