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बेगूसराय : कोर्ट ने दो दरोगाओं की उपस्थिति के लिए एसपी को दिया आदेश, पेश नहीं करने पर एसपी को दोषी मान कार्रवाई की दी चेतावनी

नूर आलम

बेगूसराय तेघड़ा न्यायालय के अवर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी विपिन कुमार ने एक आपराधिक मामले की सुनवाई करते हुए पुलिस अधीक्षक बेगूसराय को 2014 साल के तत्कालीन मंसूरचक थाना मे पदस्थापित दरोगा दयानंद कुमार और देवव्रत को 25 अप्रैल 2018 तक न्यायालय में उपस्थित कराने का आदेश जारी किया है.

ज्ञात हो कि दोनों आरोपित दरोगा दयानंद कुमार और देवव्रत के विरुद्ध न्यायालय ने 406 भा द वि में संज्ञान लेते हुए 2014 में न्यायालय में उपस्थित हेतु सम्मन निर्गत किया था. इसके बावजूद भी दोनों आरोपी दरोगा न्यायालय में उपस्थित नहीं हुए तो न्यायालय ने 1 मार्च 2016 को गैर जमानतीय वारंट आरोपी दरोगा के विरुद्ध निर्गत किया. उसके बाद न्यायालय ने दोनों आरोपी दरोगा के विरुद्ध पुलिस अधीक्षक के माध्यम से गैर जमानतीय वारंट भेजा जिसमें पुलिस अधीक्षक द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई. जिस कारण दोनों आरोपी दरोगा न्यायालय में उपस्थित नहीं हुए फिर न्यायालय ने 20 सितंबर 2016 को डीजीपी बिहार सरकार को पत्र भेजकर पुलिसिया रवैया से अवगत कराते हुए दोनों आरोपी दरोगा को न्यायालय में उपस्थित कराने का पत्र भेजा इसके बावजूद दोनों आरोपी दरोगा न्यायालय में उपस्थित नहीं हुए न्यायालय ने फिर 4 दिसंबर 2017 को पुलिस अधीक्षक बेगूसराय को पत्र लिखकर दोनों आरोपित दरोगा को न्यायालय में उपस्थित कराने हेतु अंतिम मौका दिया. इसके बावजूद भी पुलिस अधीक्षक ने न्यायालय के आदेश का पालन नहीं किया और उस पर कोई कार्यवाही नहीं की.

वहीं अब न्यायालय ने इस मुकदमे में अगली तिथि 25 अप्रैल 2018 को निश्चित की है. अगर इस दिन पुलिस अधीक्षक द्वारा दोनों आरोपी दरोगा को न्यायालय में उपस्थित नहीं कराया गया तो न्यायालय पुलिस अधीक्षक के विरुद्ध न्यायालय की अवमानना करने को लेकर माननीय पटना उच्च न्यायालय में पुलिस अधीक्षक के खिलाफ अवमानना का मामला चलाने हेतु रिपोर्ट भेजेगी.

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