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सीवान : प्रधानाध्यापक के अन्यत्र पदस्थापन पर फफक-फफक कर रो पड़े मवि मझवलिया के बच्चें

चमन श्रीवास्तव

सीवान सदर प्रखंड के मध्य विद्यालय मझवलिया में पदस्थापित प्रधानाध्यापक राधेश्याम सिंह का चयन जिला संवर्ग में प्रोन्नति व पदस्थापन के तहत उत्क्रमित मध्य विद्यालय बड़का, हुसैनगंज प्रखंड में हो गया है. उनके अंतिम कार्य दिवस पर जब बच्चों को यह पता चला कि प्रधानाध्यापक कल से विद्यालय नहीं आएंगे तो उनकी भावनाओं का बांध मानो टूट पड़ा. सभी बच्चें फफक-फफक कर रोने लगे. जिसका नजारा पूरे गांव ने देखा. जिससे घंटों तक स्कूल का माहौल गमगीन बना रहा.

बता दें कि प्रधानाध्यापक के प्रति प्रगाढ़ प्रेम, सम्मान व लगाव का यह दृश्य ग्रामीणों को उनकी सेवाकाल में क‌र्त्तव्य निर्वहन व शिक्षण कार्य में समर्पण का एहसास करा गया. वहीं दूसरे शिक्षकों के लिए क‌र्त्तव्य का बोध कराने के लिए यह कम नहीं था. आरएस सिंह का पदस्थापन 22 साल पूर्व मध्य विद्यालय मझवलिया में सहायक शिक्षक के पद पर हुआ था. उन्होंने बतौर सहायक शिक्षक 18 वर्ष और बतौर प्रधानाध्यापक 4 वर्ष तक विद्यालय में अपनी सेवा दी. शिक्षण कार्यो मे निरंतर मेहनत और बच्चों से लगाव ही एक आदर्श शिक्षक की पहचान है. जिसे अंतिम कार्य दिवस के समय देखने को मिला.

वहीं आरएस सिंह ने कहा कि विद्यालय की तरक्की सभी के सकारात्मक सोच व टीम वर्क का प्रतिफल है. अधूरे कार्य को पूर्ण करने मे वर्तमान प्रधानाध्यापक जवाहर सिंह को इसी तरह का सहयोग करते रहें. वहीं विद्यालय शिक्षा समिति के सचिव ने कहा कि लगभग 22 वर्षों तक श्रम साध्य और बेदाग सेवा के बाद इनका स्थानांतरण एक स्वाभाविक प्रक्रिया है. वहीं अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानाचार्य ने विद्यालय को प्रतिष्ठित करके शिक्षा को उत्कृष्ट स्थान पर पहुंचाने का कार्य किया है. अंत में विद्यालय का अप्रतिम स्नेह हमेशा स्मरणीय रहेगा कह कर स्वयं फफक पड़े.

गौरतलब है कि जिले में कुल 323 शिक्षकों की प्रोन्नति व पदस्थापना की सूची जारी हुई थी. जिसमें इस विद्यालय के दो अन्य सहायक शिक्षक प्रोन्नति व पदस्थापन के तहत एक पखवाड़े पूर्व अलग-अलग विद्यालयों में योगदान कर चुके हैं. मौके पर बच्चों के चहेते शिक्षक मो यूनुस अंसारी को देख बच्चें खुशी से झूम उठे थे. मौके पर शिवजी सिंह, सुनील शंकर, शैलेश कुमार, जितेंद्र कुमार यादव, रमिता कुमारी, अनीता कुमारी आदि शिक्षक-शिक्षिकाएं समेत सैकड़ों ग्रामीण मौजूद थे.

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