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नालंदा : चुनावी रंजिश में हत्या के मामले में सात लोगों को आजीवन कारावास

प्रणय राज

https://youtu.be/4awOBMFOvtU

नालंदा में पंचायत चुनाव के  रंजिश को लेकर वर्ष 2001 में हुई गोलीमार कर हत्या के मामले में बिहार शरीफ व्यवहार न्यायालय के फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट वन के न्यायाधीश राम प्रताप अस्थाना ने सात लोगों को आजीवन कारावास और 25-25 हजार रुपए के जुर्माना की सजा सुनाई है.

हत्या के मुजरिम जब कोर्ट से बाहर निकले तो परिवार वाले खाद्य सामग्री देने के लिए पुलिस के सामने आपाधापी करने लगे. इस दौरान थोड़े समय के लिए सुरक्षा व्यवस्था चरमरा गयी. जब पुलिस के अधिकारी पहुंचे तब परिवार वाले वहां से हटे. बावजूद इसके सभी मुजिरम अपने अपने हांथो में खाद्य सामग्री का पैकेट ले कर जेल वाहन के ऊपर चले गए.

बता दें कि मामला 2001 के पंचायत चुनाव का है, जिसमे प्रत्याशी रामप्रवेश पासवान की गोलीमार कर हत्या कर दी गयी थी. एपीपी सुनील कुमार सिन्हा ने बताया कि मानपुर थाना इलाके तिउरी गांव में वर्ष 2001 में पंचायत समिति सदस्य के उम्मीदवार पद पर रामप्रवेश पासवान चुनाव लड़ रहे थे. चुनाव के दौरान ही विपक्षी इंद्रदेव पासवान ने चुनाव में बैठ जाने को कहा इसपर उन्होंने इंकार कर दिया. चुनाव जैसे ही खत्म हुआ उसके कल होकर 19 अप्रैल 2001 को दिन के 9 बजे दिनदहाड़े घेर कर गोली मार कर हत्या कर दी गयी. जिसमें मृतक के पुत्र ने 10 लोगों को आरोपित किया था. 10 आरोपियों में दो आरोपी की मौत हो चुकी है, जबकि मुख्य आरोपी हरिहर पासवान अब भी पुलिस की गिरफ्त से दूर है. शेष सात लोगों को आज सजा सुनायी गयी.
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