नालंदा : हेलीकाप्टर से विदा कराकर दुल्हनियां को ले गए दूल्हे राजा
प्रणय राज
शादी जीवन की एक यादगार पल होती है और इसे यादगार बनाने में लोग कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते. तरह-तरह की तकनीक अपनाते हैं. आम हो या खास हर कोई अपने जीवन के इस पल को यादगार बनाकर नये वैवाहिक जीवन में प्रवेश करना चाहता है. कोई महंगी से महंगी लग्जरी गाड़ी तो कोई घोड़े के रथ पर सवार होकर बारात लेकर आता है और अपने साथ जीवन संगिनी को लेकर जाता है. वहीं कुछ लोगों को ऐसा करने की चाहत होती है कि पति-पत्नी को जीवन भर यह सुहाना पल याद रहे. रविवार को ऐसी ही एक शादी नालंदा जिले के छोटा सा गांव मनारा में हुई है. वर और वधू दोनों छोटे गांव के हैं. लेकिन, यहां दूल्हा अपनी जीवन संगिनी को गाड़ियों के काफिले, घोड़े के रथ या पालकी पर साथ नहीं ले गया बल्कि हेलीकाप्टर से उड़ाकर ले गया.
नालंदा में यह पहली शादी है, जिसमें दुल्हा-दुल्हन हेलीकाप्टर से विदा हुए. बारात चंडी प्रखंड के चितर बिगहा गांव से निकली थी और नूरसराय प्रखंड के मनारा गांव पहुंची. दूल्हन की विदाई के लिए दिल्ली से हेलीकाप्टर मंगाया गया था. दुल्हा-दुल्हन की विदाई हेलीकाप्टर से हुई.
डिप्लोमा इंजीनियर दुल्हा रवि भारती ने कहा कि शादी जीवन में एक ही बार होती है और इसे कुछ अलग अंदाज में करना चाहते थे. हमारे पिता अरुण कुमार उर्फ बाबा मार्बल ने ठान रखा था कि अपने बेटे की शादी के लिए हेलीकाप्टर से भेजेंगे. वह अपने बेटे की शादी को यादगार बनाना चाहते थे. ताकि सभी हमेशा इस शादी समारोह को याद रख सकें. इसके लिए उन्होंने बारात को हेलीकाप्टर से ले जाने का प्लान बनाया था लेकिन कागजी कार्रवाई में जिला स्तर पर लेट होने के कारण हेलीकाप्टर पटना से नहीं उड़ पाया. जिसके कारण बारात हेलीकाप्टर से ले जाने से वंचित हो गये.
हालांकि सोमवार को विदाई के समय तक हेलीकाप्टर से संबंधित कागजी कार्रवाई पूरी हो चुकी थी और समय पर लड़की के दरवाजे पर हेलीकाप्टर लैंड कर चुका था. दुल्हे के ससुर राजेन्द्र प्रसाद सिंह और सास सीता देवी ने कहा कि जब उनकी बेटी दामाद के साथ निकली तो इसे देखने के लिए ग्रामीणों की भीड़ जमा थी. जिसे देखकर गर्व का अनुभव हुआ. हालांकि हेलीकाप्टर से दुल्हा आते तो खुशी और दुगनी होती.
गौरतलब है कि इस विदाई समारोह को देखने के लिए अगल-बगल के गांव से भीड़ उमड़ पड़ी थी. यही नहीं महिलाएं और बच्चे हेलीकाप्टर और दुल्हे के साथ सेल्फी भी ले रहे थे. विदाई का रस्म पूरा होते ही दुल्हा दुल्हन ने उड़न खटोले से उड़ान भर लिया.
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