नवादा : कुत्ते की मौत पर गमगीन हुआ पूरा गांव, रीति-रिवाज से किया गया अंतिम संस्कार
सन्नी भगत / प्रशांत रंजन
इंसान के मरने के बाद उसकी आत्मा की शान्ति के लिए उसके परिजनों द्वारा अंतिम संस्कार किये जाने की परंपरा है. लेकिन आपने कभी किसी जानवे के अंतिम संस्कार किये जाने की बात शायद ही सुनी हो. अगर नहीं सुनी तो आज हम आपको बताते हैं. नवादा जिले के रोह प्रखंड के बारा पांडेय गाँव में शनिवार की देर शाम एक कुत्ते की मौत हो गयी. जिसके बाद कुत्ते का किसी इंसान की तरह सगव यात्रा निकाल अंतिम संस्कार किया गया.
बताया जाता है की रोह प्रखंड के बारा पांडेय गांव में पिछले 10 वर्षों से यह कुत्ता सभी का दुलारा बना हुआ था. गांव के ग्रामीणों द्वारा उसके लिए समय समय पर भोजन पानी की व्यवस्था होती रहती थी. लोगों ने प्यार से उसका नाम रॉकी रख दिया था. पांडे गांव के निवासी राजेश कुमार , सुधीर साव, रामधनी यादव सहित अन्य लोगों ने बताया कि वह कभी कुत्तों के साथ रहता ही नहीं था. हमेशा किसी न किसी के घर या देहरी पर रहा. न किसी को भोंकना न काटना. जो दे दिया, खा लेता था.
वहीं आज उसकी अचानक मौत हो गई. इससे पूरा गांव गमगीन हो गया. गांव में उदास का माहौल हैं. नम आंखों से गांव वालों ने अर्थी बनाई. अर्थी पर रामनामी में कुत्ते को लपेट फल, फूल और दक्षिणा चढ़ाई. फिर शव यात्रा निकालते हुए पांडे गाँव से सटे शमशान घाट में उसका जल प्रवाह कर दिया.
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