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जमशेदपुर : टाटा स्टील के एक एक खाली क्वार्टर में बेटी के साथ वर्षों से बन्द थी एक महिला, समाज सेवियों की पहल पर हुआ खुलासा

अभिजीत अधरजी

जमशेदपुर में बर्मामाइंस थाना अंतर्गत टाटा स्टील के एक खाली क्वार्टर में पिछले कई सालों से एक बुजुर्ग मां द्वारा अपनी बेटी को बंद दरवाजे के भीतर रखने का मामला सामने आया है. मामले की जानकारी होने के बाद कुछ समाजसेवियों की पहल पर दोनों मां-बेटी को इलाज के लिए एमजीएम अस्पताल पहुंचाया गया है.

बताया जा रहा है कि बूढ़ी मां आसपास के लोगों से खाना मांग कर लाती है और किसी तरह दोनों का पेट भर पाता है. बेटी को वह एक कमरे में बंद रखती है ताकि वह बाहर न जा सके. इस मामले में गलती उस बूढ़ी मां की भी नहीं कही जा सकती क्योंकि वह वहशी दरिंदों से बचाने के लिए अपनी बेटी को कमरे में बंद कर रखती है.

सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक लगभग दो साल से युवती घर के अंधेरे कमरे में बंद है. हालांकि इस मामले का खुलासा उस वक्त हुआ जब एक समाजसेवी की नजर इन मां-बेटियों पर पड़ी सामाजिक कार्यकर्ता नीरज शर्मा ने शुक्रवार को दोनों ही मां और बेटी को खंडहर घर से बाहर निकलवाया और बेहतर इलाज के लिए एमजीएम अस्पताल भेजा गया. जहां से उन्हें रांची के मानसिक आरोग्यशाला रेफर कर दिया गया है.

सूत्रों के अनुसार, महिला का तलाक लगभग 10 साल पहले हो गया था और तब से ही वह अपनी एक बेटी को लेकर घर के बाहर रहती है. इधर, घर के भीतर जब मीडिया कर्मियों ने देखा तो जिस कमरे में युवती को बंद कर रखा गया था वहां दीवारों पर कई ऐसे तथ्य लिखे गए हैं जिससे यह प्रतीत होता है कि लड़की पर अत्याचार हुआ है. बहरहाल, अब इस मामले में प्रशासन कितना गंभीर होता है यह देखने वाली बात है.

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