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मोतिहारी : उप राष्ट्रपति ने केंद्रीय विश्वविद्यालय के दूसरे दीक्षांत समारोह में की शिरकत

मोतिहारी/पूर्वी चंपारण || उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा है कि देश की आजादी में चंपारण की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. चंपारण वासियों ने आजादी के आंदोलन में बड़ी आहुति दी है. महात्मा गांधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय और इसका स्थान मोतिहारी इन दोनों की पृष्ठभूमि अपने आप में ऐतिहासिक है. इसी चंपारण की धरती से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने देश भर में सत्याग्रह और अहिंसा का अलख जगाया था. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ शनिवार को बिहार के पूर्वी चंपारण जिला मुख्यालय मोतिहारी में महात्मा गांधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय के दूसरे दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे.

इससे पहले उपराष्ट्रपति ने बिहार के राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर एवं स्थानीय सांसद राधामोहन सिंह की उपस्थिति में दीप प्रज्वलित कर एवं मां सरस्वती और महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर दीक्षांत समारोह का विधिवत उद्घाटन किया. अपने संबोधन में श्री धनखड़ ने कहा कि देश में कई जगह मुझे इस प्रकार के दीक्षांत समारोह को देखने एवं उसमें शामिल होने का मौका मिला है,पर यहां की तो बात ही कुछ और है. उन्होंने कहा कि यहां के लोग देश की आजादी के आंदोलन में बड़ा बदलाव लाने के लिए सक्रियता से जुड़े. उपराष्ट्रपति ने कहा कि यहां के लोग राष्ट्रवाद और राष्ट्र चेतना की भावना से ओत-प्रोत है.

इस क्षण को मैं हमेशा याद रखूंगा : धनखड़

उपराष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि विश्वविद्यालय का अध्ययन-अध्यापन राष्ट्रीय चेतना और देश प्रथम की भावना के लिए समर्पित है. श्री धनखड़ ने कहा कि विश्वविद्यालय के पहले दीक्षांत समारोह में भारत की राष्ट्रपति महामहिम द्रौपदी मुर्मू आईं थी. द्वितीय दीक्षांत समारोह में मैं खुद आया हूं, इस क्षण को मैं हमेशा याद रखूंगा. उन्होंने कहा कि नदी में एक स्थान पर रहने के लिए भी कदम ताल जरूरी है.वैसे ही हमारे जीवन में भी अध्ययन बेहद ही जरूरी है. उपराष्ट्रपति ने कहा कि बच्चा जब जन्म लेता है तो आगे बढ़ता है, गिरता है और वहीं से चलना सीखता है. हमें कभी नहीं डरना चाहिए और आगे बढ़ते रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि आज भारत अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में प्रगति कर रहा है. विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में भारत अपना मिसाल कायम कर रहा है. हमारे यहां सभी निर्णय पारदर्शिता के साथ लिए जा रहे हैं.श्री धनखड़ ने कहा कि विकसित भारत की संकल्पना एक व्यक्ति से नहीं बल्कि 140 करोड़ लोगों के मेहनत से साकार होगी.

बिहार के राज्यपाल भी बने ऐतिहासिक क्षण का गवाह

मोतिहारी के महात्मा गांधी प्रेक्षागृह में आयोजित एमजीसीयू के दूसरे दीक्षांत समारोह के ऐतिहासिक क्षण का गवाह सूबे के राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर भी बने. मौके पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री व स्थानीय सांसद राधा मोहन सिंह, एम एल सी महेश्वर सिंह, मोतिहारी के विधायक प्रमोद कुमार, गोविंदगंज के विधिक सुनील मणि तिवारी, पिपरा के विधायक श्यामबाबू यादव, कल्याणपुर के विधायक मनोज कुमार यादव एवं पूर्व विधायक सचिन्द्र प्रसाद सिंह सहित कई अन्य राजनेता उपस्थित थे. समारोह की अध्यक्षता महात्मा विश्वविद्यालय केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कुलाधिपति महेश शर्मा ने की. वहीं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. संजय श्रीवास्तव ने स्वागत भाषण किया. समारोह की शुरुआत शैक्षणिक शोभा यात्रा के साथ सशस्त्र सीमा बल की धुन पर हुआ.

कुलपति ने उपराष्ट्रपति को किया सम्मानित

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर संजय श्रीवास्तव द्वारा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर, सांसद राधामोहन सिंह, कुलाधिपति डॉ. महेश शर्मा को उत्तरीय, संकट मोचन की प्रतिमा व महात्मा गांधी का जीवन चक्र चरखा देकर सम्मानित किया गया.

कुल 433 छात्र-छात्राओं को दी गई उपाधि

दीक्षांत समारोह के दौरान कुल 433 छात्र-छात्राओं को उपाधि प्रदान की गई. कुलानुशासक द्वारा उपाधि प्राप्त करने वाले छात्रों की सूची जारी की गई. जिसमें 121 छात्र स्नातक, 265 स्नातकोत्तर और 47 छात्र पीएचडी से शामिल थे. स्वर्ण पदक उपराष्ट्रपति द्वारा दिया गया. इस मौके पर उपाधि पाने वाले छात्र बेहद उत्साहित दिखे. (मधुरेश प्रियदर्शी की रिपोर्ट).

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