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मोतिहारी : राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रुप में मनाई गयी मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती

मोतिहारी/पूर्वी चंपारण जिले के केसरिया प्रखंड मुख्यालय में कौमी एकता फ्रन्ट के बैनर तले गुरुवार को देश के प्रथम शिक्षा मंत्री भारतरत्न मौलाना अबुल कलाम आजाद की 133 वीं जयंती राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाया गयी. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए फ्रंट के अध्यक्ष वसील अहमद खान ने कहा कि मौलाना आजाद देश के महापुरुषों में से एक थे. इसके साथ ही वे बहुत बड़े कवि,महान विद्वान, बेबाक पत्रकार और स्वतंत्रता सेनानी थे. शिक्षा मंत्री रहते हुए उन्होंने शिक्षा को हर भारतीय का बुनियादी अधिकार बताते हुए इसको जन-जन तक पहुंचाने का हर संभव प्रयास किया. वे हमेशा कहा करते थे कि शिक्षा के बगैर किसी तरह की तरक्की संभव नहीं है.

भारत के नवनिर्माण में मौलाना कलाम ने दिया था बहुमूल्य योगदान

भारत के नव निर्माण में मौलाना कलाम ने अपना बहुमूल्य योगदान दिया.भारत के लिए उनका सबसे बड़ा योगदान शिक्षा का उपहार है, जिसे देशवासी हमेशा याद रखेंगे. सन् 1920 में उत्तरप्रदेश के अलीगढ़ में जामिया मिल्लिया इस्लामिया के निर्माण समिति के सदस्य के रूप में मौलाना कलाम को चुना गया था. सन् 1934 में उन्होंने जामिया मिल्लिया इस्लामिया के परिसर को नई दिल्ली में स्थानांतरित कराने में काफी सहायता की.कौमी एकता फ्रंट के अध्यक्ष ने कहा कि हम भारतीयों का दायित्व बनता है कि अपने देश के महापुरूषों के बताए मार्गों पर चलें और शिक्षा की दीप को लगातार प्रज्वलित करें.

जयंती समारोह के दौरान ये लोग भी रहे उपस्थित

जंयती समारोह के मौके पर कारी ओबैद रजा, मौलाना नैमतुल्लाह,हाफिज मोहम्मद आलम,मास्टर अख्तर हुसैन,मोहम्मद अशरफ आलम,अल्ताफ रजा,नाहिद अहमद खान,अफसर खान,काशिफ अनवर खान एवं मोहम्मद कौसर अली समेत दर्जनों लोग उपस्थित थे. (मधुरेश प्रियदर्शी की रिपोर्ट).

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