चाईबासा : कांग्रेस ने मनाया विश्व आदिवासी दिवस और अगस्त क्रांति दिवस
चाईबासा में सोमवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव के निर्देशानुसार जिला कांग्रेस कमेटी के द्वारा परंपरागत एवं हर्षोल्लास के साथ विश्व आदिवासी दिवस एवं अगस्त क्रांति दिवस मनाया गया. कांग्रेस भवन में आयोजित कार्यक्रम की शुरुआत कांग्रेस पार्टी का झंडारोहण एवं वंदे मातरम गीत के साथ शुरुआत की गई. जहां पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा एवं अन्य कांग्रेसियों ने अगस्त क्रांति दिवस को याद कर गांधी मैदान स्थित गांधी प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं श्रद्धांजलि अर्पित की.
तत्पश्चात कांग्रेस भवन से काफी संख्या में सभी 18 प्रखंडों, नगर, जिला कांग्रेस कमिटि, सांसद प्रतिनिधि, सभी मंच मोर्चा, आदिवासी कांग्रेस, महिला कांग्रेस, इंटक, यूथ कांग्रेस, युवा कांग्रेस, एनएसयूआई, आरजीपीआर एस, वरिष्ठ कांग्रेसी एवं कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारी एवं सदस्यों के साथ पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की उपस्थिति में परंपरागत रूप से गाजा-बाजा के साथ एक जुलूस निकाली गई. जुलूस में अधिकांश पुरुष धोती और माथे पर पगड़ी तथा महिलाएं परंपरागत लिवास में शामिल हुई. ढोल नगाड़ा और मांदर के थाप पर नाचते गाते हुए और विश्व के आदिवासी एक हो जैसे आदिवासी समाज को जागृत करने वाले स्लोगन लिखे तख्ती हाथों में लेकर अमर शहीदों के नाम नारेबाजी करते हुए मंगला हाट चौक पहुंच कर भगवान बिरसा मुंडा के आदम कद प्रतिमा पर फूल माला अर्पण कर अपनी श्रद्धांजलि दी.
वहीं विश्व आदिवासी दिवस के कार्यक्रम में महिलाओं ने काफी बढ़-चढ़कर हिस्सेदारी निभाई, जुलूस के पिलाई हॉल पहुंचने पर अन्य कार्यक्रम की गई, पिलाई होल के कार्यक्रम में मुख्य रूप से दीप प्रज्वलित कर झारखंड के शहीदों के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी गई, खेल, साहित्य, पत्रकारिता, कला, कृषि एवं सामाजिक क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने के लिए मंगल सिंह चाम्पिया, महर्षि महेन्द्र सिंकु, टिपरिया तियु, थॉमस सुंडी, गणेश बारी, प्रकाश लागुरी, बोयो गागराई, श्याम बोबोंगा, गंगा राम हेम्ब्रम, पोरेश बड़ीउली, राजेन्द्र सुंडी, मंगल सिंह चातर, डोबरो बुड़ीउली, प्रधान बिरुवा, राजेश बानरा, मोनिका बुड़ीउली एवं इस क्षेत्र विभिन्न मौजा के मानकी तथा मुंडाओं को शॉल ओढ़कर तथा जीवन के प्रतीक वृक्ष प्रदान कर समान्नित किया गया.
कार्यक्रम में कई विशिष्ट एवं गणमान्य वक्ताओं ने अपनी बात समाज के लोगों के सामने रखी, मुख्य रूप से वक्ताओं के द्वारा समाज के लोगों को आपसी एकता पर बल दिया गया. शिक्षा स्वास्थ्य एवं अपने अधिकारों के प्रति जागृत रहने हेतु एकजुटता के साथ संघर्ष करने का आवाहन किया गया. पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा जोकि झारखंड राज्य के खासकर कोल्हान बहुल क्षेत्र एक अपेक्षाकृत पिछड़ा हुआ इलाका से आने के बावजूद झारखंड का मुख्यमंत्री बनने तक का गौरव प्राप्त किया पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने समाज के लोगों से अपने संबोधन में कहा कि कांग्रेस पार्टी आदिवासियों के हित का पोषक रही है. अगर आज हमारे महीशियो के द्वारा आंदोलन के परिणाम स्वरूप और बाबा साहब अंबेडकर द्वारा निर्मित संवैधानिक अधिकार आदिवासी समाज को आरक्षण नहीं मिला रहता तो हमारी जाति विलुप्त हो जाती ना कोई सांसद बन पाता ना विधायक फिर समाज हित का बात संसद में कैसे रखा जाता. पूर्व मुख्यमंत्री ने भाजपा को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि केंद्र की वर्तमान सरकार आदिवासियों का दोहन कर रही है. विश्व आदिवासी दिवस पर भी छुट्टी घोषित ना होने पर निराशा जताई एवं मांग किया की विश्व आदिवासी दिवस पर छुट्टी घोषित किया जाए.
ज्ञातव्य हो कि संसद चलने के कारण सांसद गीता कोड़ा को सदन में मौजूद रहना था. इसलिए आज के कार्यक्रम में सांसद की उपस्थिति नहीं हो सकी, सांसद गीता कोड़ा का सहयोग आदिवासी समाज को हमेशा मिलता रहेगा पूर्व मुख्यमंत्री ने सांसद गीता कोड़ा के संदेश से लोगों को अवगत कराया. मौके पर कार्यकारी जिला अध्यक्ष अम्बर राय चौधरी, पूर्व विधायक देवेन्द्र नाथ चंपिया, अनिता सुम्बरुई, नीला नाग, बालेमा कुई, जानवी कुदादा, प्यारी सोय, नूतन बिरुवा, नूतन सिंकु, जमुना टोप्पो, पूनम सावैयां, दीनबंधु बोयपाई, कृष्णा सोय, डॉ नन्दलाल गोप, लखन बिरुवा, दिकु सावैयां, मोहन सिंह हेम्ब्रम, सनातन बिरुवा, रितेश तामसोय, लक्ष्मण चातर, शैलेश गोप, राजेश चौरसिया, लियोनार्ड बोदरा, रमेश तामसोय, सिद्धार्थ होनहागा, कृष्णा बारी, मोहन गोप, देवराज चातर, त्रिशानु राय, राज कुमार रजक, लक्ष्मण हासदा, मुकेश कुमार, कमल लाल राम, विजय सिंह सामड, चंद्रमोहन गौड़, बीएन पूर्ती, मायाधर बेहरा, राजेन्द्र कच्छप, अविनाश कोड़ा, अशरफुल होदा, जितेन्द्र नाथ ओझा, राकेश सिंह, विश्वनाथ तामसोय, अभिजित चटर्जी, शंकर बिरुली, मो सलीम, प्रदीप विश्वकर्मा, संजय कुमार, बालेश्वर हेम्ब्रम, धनश्याम गागराई, रामेश्वर बाहन्दा, ईस्माईल सिंह दास, सुखलाल हेम्ब्रम एवं सुशील कुमार दास आदि मौजूद थे. (संतोष वर्मा की रिपोर्ट).
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