सीवान : आठ सूत्री मांगों के समर्थन में कार्यपालक सहायकों ने किया अनिश्चितकालीन हड़ताल, समाहरणालय के समक्ष दिया धरना
सीवान जिले के अलग-अलग विभागों में कार्यरत सभी कार्यपालक सहायक अपनी आठ सूत्री मांगो को लेकर सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए. जिसके कारण जिले के समाहरणालय सहित सभी विभागों का कार्य ठप हो गया. वहीं हड़ताली कार्यपालक सहायकों ने समाहरणालय के समक्ष धरना दिया.
बता दें कि कार्यपालक सहायकों की हड़ताल से जहां सरकार को राजस्व की भारी क्षति हुई है, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में चलाई जा रही सभी योजनाओ का लाभ भी जन मानस को मिलना बंद हो गया. कार्यपालक सहायको का कहना है कि बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन सोसाईटी, बिहार, पटना के द्वारा कार्यपालक सहायक के प्रति तानाशाही रवैया अपनाया जा रहा है तथा अनुशंसित उच्च स्तरीय समिति की अनुशंसाओं के मूल स्वरूप में लागू के बजाय, इसमें कई तरह के फेरबदल किया किया जा रहा है. कार्यपालक सहायको के भविष्य के साथ बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन सोसाईटी के द्वारा खिलवाड़ किया जा रहा है. इनलोगों का कहना है कि जिस प्रकार से कार्यपालक सहायको द्वारा कोरोना जैसी महामारी में दिन रात एक करके मेहनत किये है सरकार द्वारा उन्हें पुरस्कृत किया जाने और उन्हें नियमित या प्रोन्नति किया जाना चहिये वही उल्टे सरकार जान-बूझ कर कार्यपालक सहायको को प्राईवेट कंपनी बेल्ट्रान को देना चाहती है. जिससे कार्यपालक सहायको में काफी ज्यादा नाराजगी है. जिससे जिले सभी कार्यपालक सहायको को कहना है कि हमलोगो का नियुक्ति जिला स्तर पर जिला पदाधिकारी महोदय के द्वारा दक्षता परीक्षा, टंकण तथा साक्षात्कार लेने के उपरान्त किया गया है परन्तु सरकार दोहरी नीतिकरण अपना कर हम सभी कार्यपालक सहायको को जान-बूझ कर प्राईवेट कंपनी को देना चाहती है.
ज्ञात हो कि कार्यपालक सहायको की नियुक्ति जिले के विभिन्न सरकारी कार्यालयों में हुई है, जो विभिन्न योजनाओं के पूर्ति में अपना महत्वपूर्ण योगदान देते है. या यूं कहे कि बिहार के विकास में अहम भूमिका इन्ही सभी कार्यपालक सहायको का है. इन सभी कार्यपालक सहायको के हड़ताल पर जाने के कारण जिले के विभिन्न सरकारी कार्यो का गतिविधि प्रभावित हुई है. जिसके कारण आम जनता को बहुत परेशानीयों का सामना करना पड़ सकता है. अनिश्चितकालीन हड़ताल में जिले के लगभग 500 से अधिक कार्यपालक सहायक शामिल होगे जिसके कारण आपदा, निर्वाचन, लोक शिकायत निवारण, आरटीपीएस, आपूर्ति, निबंधन, पंचायती राज, आईसीडीएस, सहकारिता, कृषि, इंदिरा आवास, स्वच्छता, मनरेगा, नगर निकाय, श्रम संसाधन विभाग, समाज कल्याण विभाग आदि विभागो द्वारा संचालित सरकार की योजनाएं ठप हो गया.
वहीं मीडिया प्रभारी रंजीत कुमार का कहना है कि सरकार के अनेको महत्वाकांक्षी योजनाओं को सफल बनाने में हम सभी कार्यपालक सहायको का अहम भूमिका रहा है. फिर भी हम सभी कार्यपालक सहायको को हमारी मांगो पर सरकार के द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है. सरकार हमारे साथ सौतेला व्यवहार कर रही है. बताया गया कि सरकार द्वारा हमारी मांगे माने जाने तक ये हड़ताल जारी रहेगा. (अभिषेक श्रीवास्तव की रिपोर्ट).
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