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नालंदा : पिता की मृत्यु पर उनकी इच्छा को पूरा करते हुए बेटियों ने अर्थी को कंधा देकर किया अंतिम संस्कार

नालंदा में वर्षो पुरानी परम्परा और रूढ़िवादी विचार धारा को खत्म कर कुछ बेटियों ने समाज के सामने एक नई मिसाल पेश की है. जहां पिता की मौत के बाद बेटियों ने शव को कंधा देकर शव यात्रा निकालते हुए अंतिम संस्कार किया.

बता दें कि बिहार थाना इलाके के हाजीपुर मोहल्ला में मिठाई दुकान बसंत बहार के संचालक 46 वर्षीय श्रवण कुमार की हार्ट अटैक से मौत हो गई. उनकी मौत से व्यवसाइयों में शोक की लहर दौड़ गई. मृतक को केवल तीन बेटियां ही हैं. जिसके बाद लोगों के समक्ष यह समस्या आ रही थी कि कोरोना काल मे अर्थी को कंधा कौन देगा और अंतिम संस्कार कौन करेगा. जिसका हल मृत्तक की तीनों बेटियों तान्या, अनन्या और मान्या ने निकाल खुद पिता की अर्थी को न सिर्फ कांधा दे श्मशान ले गयी बल्कि उन्हें मुखग्नि भी दी. वहीं बेटियों के इस हौसले की अब पड़ोसियों के साथ साथ जिले भर के लोग सराहना कर रहे हैं.

गौरतलब है कि मृतक की तीनों पुत्रियां दिल्ली और दार्जिंलिंग में रहकर पढ़ाई करती हैं. तान्या ने बताया कि उनका भाई नहीं है. पिता उन्हें बेटी के साथ बेटा भी समझते थे. उनकी आखिरी इच्छा थी कि अगर उनकी मौत हो जाए तो बेटियां ही कंधा देकर उनका दाह संस्कार करें. कोरोना काल मे जहां लोग पिता के शव के पास आने से कतरा रहे थे वहीं तीनों बहनों ने पिता की आखिरी इच्छा की पूर्ति की. (प्रणय राज की रिपोर्ट).

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