नालंदा : कोरोना संकट के बीच पति के दीर्घायु की कामना को लेकर महिलाओं ने की वट सावित्री पूजा
नालंदा में कोरोना संकटों के बीच सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुखद वैवाहिक जीवन की कामना करते हुए वट सावित्री व्रत यानि बरगद के पेड़ के नीचे पूजा-अर्चना की.
बता दें कि बिहारशरीफ के सोहसराय, पुलपर, भरावपर समेत अन्य जगहों पर नवविवाहित और सुहागिन महिलाओं ने सोशल डिस्टेसिंग को नहीं मानते हुए भगवान पर आस्था दिखाते हुए पूरी विधि विधान के साथ इस व्रत को की. हालाकि कई जगहों पर पुलिस पदाधिकारियों के द्वारा पूजा करने से महिलाओं को रोका गया तो कई जगहों पर अहले सुबह ही पूजा अर्चना कर महिलाओं ने भगवान को याद किया.
ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को रखने से पति पर आए संकट चले जाते हैं और आयु लंबी हो जाती है. यही नहीं अगर दांपत्य जीवन में कोई परेशानी चल रही हो तो वह भी इस व्रत के प्रताप से दूर हो जाते हैं. सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुखद वैवाहिक जीवन की कामना करते हुए इस दिन वट यानी कि बरगद के पेड़ के नीचे पूजा-अर्चना करती हैं. इस दिन सावित्री और सत्यवान की कथा सुनने का विधान है. इस कथा को सुनने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है. वट सावित्री व्रत पूजन का विस्तार से वर्णन स्कंद पुराण और भविष्य पुराण में किया गया है. इन दोनों पुराणों में बताया गया है. पौराणिक कथा के अनुसार, सावित्री मृत्यु के देवता यमराज से अपने पति सत्यवान के प्राण वापस ले आई थी. वट सावित्री व्रत के दिन ही शनि जयंती भी मनाई जाती है. (प्रणय राज की रिपोर्ट).
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