मोतिहारी : रणक्षेत्र बना केसरिया का सरकारी अस्पताल, आशा कार्यकर्ताओं ने केन्द्रीय टीम को खदेड़ा
एम के सिंह
पूर्वी चंपारण जिले के केसरिया में मंगलवार को उस समय अजीबोगरीब स्थिति उत्पन्न हो गयी जब मरीजों के इलाज के लिए बना प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र रणक्षेत्र में तब्दील हो गया. यहां अनिश्चित कालीन हड़ताल पर बैठी आशा कार्यकर्ताओं एवं अस्पतालकर्मियों में जमकर मारपीट होने लगी.
दरअसल आज एक केंद्रीय जांच टीम जांच के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र केसरिया पहुचीं थी.टीम के सदस्यों को लेकर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ श्रवण पासवान अस्पताल के अंदर जाना चाहते थे. अस्पताल में तालाबंदी कर अनिश्चितकालीन धरना पर बैठी आशा कार्यकर्ताओं ने इस दौरान प्रभारी सहित केंद्रीय टीम को अस्पताल में अंदर जाने से रोका. इस पर अस्पतालकर्मियों एवं आशा कार्यकर्ताओं के बीच नोक झोंक शुरू हो गयी. देखते ही देखते बाद में दोनों पक्षों के बीच मारपीट होने लगी.
इस दौरान आशा कार्यकर्ताओं ने अस्पतालकर्मी शिवशक्ति पाठक की दौड़ा-दौड़ा कर पिटाई की. इस क्रम में नुशरत जहां नामक आशा कार्यकर्ता गंभीर रुप से घायल हो गयी. आशा कार्यकर्ताओं के तेवर को देख प्रभारी सहित सभी अस्पतालकर्मीयों ने भाग कर जान बचायी. इसकी सूचना पाकर केसरिया पुलिस भी मौके पर पहुचीं.
इसी बीच हंगामें की सूचना स्थानीय विधायक डॉ राजेश कुमार को भी मिल गयी. केसरिया के सरकारी अस्पताल पहुँचकर विधायक ने आशा कार्यकर्ताओं एवं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली. घायल आशा कार्यकर्ता नुशरत जहां से भी विधायक ने मुलाकात की. बाद में विधायक ने पहल कर मामले को शांत कराया. विधायक डॉ कुमार ने आशा कार्यकर्ताओं की मांगों को जायज ठहराते हुये उनसे शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन चलाने को कहा.
उधर, प्रभारी चिकित्सा प्रभारी डॉ.श्रवण पासवान ने आशा कार्यकर्ताओं पर उनके साथ बदसलूकी करने एवं एक अस्पतालकर्मी के साथ मारपीट करने का आरोप लगाया. प्रभारी द्वारा आशा कार्यकर्ताओं के विरुद्ध कार्रवाई को लेकर थाने को एक लिखित आवेदन दिया गया है. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने पूरे घटनाक्रम से जिले के सिविल सर्जन डॉ बीके सिंह को भी अवगत कराया है. आवेदन मिलने के बाद केसरिया पुलिस मामले की जांच में जुट गयी है.
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