सीवान : बड़हरिया बीडीओ-प्रमुख झड़प मामले में प्रमुख पति समेत सात ने किया सरेंडर
अभिषेक श्रीवास्तव
सीवान के चर्चित बड़हरिया बीडीओ और प्रखंड प्रमुख के बीच हुई झड़प मामले में पुलिस और प्रशासन की बढ़ती दबिश के कारण प्रखंड प्रमुख के पति और उनके भैसुर समेत सात नामजद अभियुक्तों ने रविवार को एसपी के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया.
बता दें कि बड़हरिया प्रखंड प्रमुख के भैसुर व पूर्व जदयू नेता अमीरुलाह सैफी, उनके पति ऐनुल सैफी, कामरान सैफी, इम्तेयाज खान, अली हुसैन, मोहमद इजराइल और गुठनी प्रमुख कमोद नारायण सिंह ने रविवार को गुपचुप तरीके से एसपी नवीन चन्द्र झा के सरकारी आवास पहुंच उनके समक्ष सरेंडर कर दिया. जहां से उन्हें पुलिस अभिरक्षा मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में पेश किया गया. सीएजेएम कोर्ट में पेशी के बाद सभी को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया.
गौरतलब है कि बड़हरिया प्रखंड कार्यालय स्थित प्रखंड प्रमुख सुबुकतारा खातून के चैंबर में अन्य पंचायत जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में स्थानीय प्रखंड विकास पदाधिकारी राजीव कुमार सिन्हा और प्रखंड प्रमुख सुबुकतारा खातून किसी योजना की फ़ाइल को लेकर आपस में भीड़ गए. जिसमे दोनो के बीच पहले हाथापाई हुई और फिर कक्ष में मौजूद प्रखंड प्रमुख के भैसुर, पति व अन्य पंचायत जनप्रतिनिधियों ने बीडीओ राजीव कुमार सिन्हा की जमकर पिटाई कर डाली. जिसमे बीडीओ का सिर फट गया. मामले में दोनों पक्षों की ओर से एक दूसरे पर प्राथमिकी दर्ज की गई. जिसके बाद से बीडीओ व प्रखंड प्रमुख इलाज के नाम पर भूमिगत हो गए जबकि अन्य सभी अभियुक्त फरार घोषित कर दिए गए. मामला प्रशासनिक अधिकारी से जुड़ा होने के कारण जिले का प्रशानिक महकमा भी बीडीओ के पक्ष में आ गया और समांतर पदाधिकारी व कर्मचारी हड़ताल पर चले गए. हाई प्रोफाइल हो चुके मामले में सत्तारूढ़ दल से सम्बंध रखने के बावजूद प्रखंड प्रमुख के भैसुर अमीरुल्लाह सैफ़ी को मदद के बजाए उनके पद से हटाते हुए जदयू में उनकी सदस्यता भी खत्म कर दी गई. उधर, पुलिस ने कुछ जनप्रतिनिधियों समेत एक नाबालिग बच्चे को भी आरोपी बताते हुए गिरफ्तार कर लिया. पुलिस और प्रशासन की बढ़ती दबिश के कारण रविवार को सात लोगों ने एसपी के समक्ष सरेंडर कर दिया.
हालांकि महिला प्रखंड प्रमुख और मुख्य आरोपी सुबुकतारा खातून बीमारी के कारण अभी भी भूमिगत हैं जबकि दूसरी ओर बीडीओ राजीव कुमार सिन्हा भी बेहतर इलाज के नाम पर पटना प्रवास पर हैं. देखने वाली बात होगी कि इस मामले में प्रखंड प्रमुख का समर्थन करने वाले जनप्रतिनिधियों और महिलाओं व अल्पसंख्यकों के हित की बातें करने वाली संगठनों और संस्थाओं का क्या रुख होता है.
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