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सुपौल : छातापुर के ग्रामीण क्षेत्रों में धूमधाम से मनाया गया हुक्का-पाती

सुपौल || जिले के छातापुर प्रखंड मुख्यालय समेत कई ग्रामीण क्षेत्र में गुरुवार की देर शाम दीपावली के अवसर पर धूम धाम से “हुक्का-पाती मनाया गया. जिसमें परिवार के बच्चे-बूढ़े समेत सभी वर्ग के लोग शामिल हुए.

ऐसे तो पूरे भारतवर्ष में प्रकाशोत्सव दिवाली धूमधाम के साथ मनाया जाता है. लेकिन, मिथिलांचल में मनाए जाने वाले दिवाली पर्व की कुछ खास ही विशेषता है. मिथिलांचल के गांवों में लोग “हुक्का पाती” खेलकर दिवाली मनाते हैं. सदियों से चली आ रही इस पुरानी धार्मिक परंपरा को लोग अभी भी जीवंत रखने का प्रयास कर रहे हैं. गांवों में दीपावली की प्रकाश का चकाचौंध देखने का शाम से ही मिलता है, जबकि दिवाली की पूर्व संध्या गांवों में “जम दीया’ जलाने की परंपरा है. लोग गाय के गोबर से दिया बनाकर उसमें सरसों तेल व रूई की बाती डालकर घर से बाहर जलाते हैं.

ऐसी मान्यता है कि “जमदीया’ जलाने से घर का “जम” बाहर निकल जाता है। जबकि दीपावली की शाम घर-आंगनों को दीप, मोमबत्ती व कृत्रिम बल्बों से सजाने व लक्ष्मी-गणेश की पूजा के बाद “हुक्का-पाती” खेलने की परंपरा प्रचलित है. बड़े-बुजुर्गों से मिली जानकारी व मिथिलांचल की गांवों में देखी जा रही इस पुरानी धार्मिक परंपरा के तहत दिवाली पर्व में संध्या काल में लक्ष्मी-गणेश की पूजा अर्चना के बाद हुक्का-पाती खेलने की परंपरा निभाई जाती है. घर के सबसे बड़े लोग पंचमुखी दीप से संठी से बने “हुक्का-पाती” में आग लगाकर ” लक्ष्मी घर-दरिद्र बाहर” वाली दोहा बोलते हुए हुक्का-पाती को घर से निकालकर बाहर सड़क व चौक-चौराहे तक पहुंच कर इस परंपरा को निभाया. इसमें परिवार के बच्चे, युवा व बुजुर्ग सभी उत्साह भाव के साथ शामिल हुए. (सोनू कुमार भगत की रिपोर्ट).

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