सीवान : आषाढ़ी पूर्णिमा को लेकर तीतिर स्तूप पर हुई भगवान बुद्ध की पूजा-अर्चना

सीवान के जीरादेई प्रखण्ड क्षेत्र के राजस्व गांव तीतिरा टोले बुद्ध नगर बंगरा में स्थित तीतिर स्तूप के निकट बने बौद्ध मंदिर में भगवान बुद्ध की पूजा अर्चना शनिवार को की गई.
इस अवसर पर बौद्ध उपासक कृष्ण कुमार सिंह ने बताया कि बुद्ध के जीवन काल में प्रत्येक पूर्णिमा का विशेष महत्व है. उन्होंने बताया कि बौद्ध जगत में सारी दुनिया में जितने भी तथागत के अनुयायी है, विशेषकर आषाढी पूर्णिमा, कार्तिक पूर्णिमा, माघ पूर्णिमा और वैशाख पूर्णिमा को बहुत ही हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाता है. क्योकि तथागत बुद्ध के जीवन से सम्बन्धित हर पूर्णिमा को कोई न कोई घटना घटी है. बौद्ध उपासक ने बताया कि आषाढ़ पूर्णिमा को महाराजा शुद्धोदन और महारानी का मिलन होता है तथा आज के ही दिन सिद्धार्थ गौतम ने गृह त्याग किया था. वहीं बौद्ध उपासक उपेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि सिद्धार्थ गौतम से बुद्ध बनने के पश्चात भगवान बुद्ध ने सारनाथ के इसिपत्तन मे पंचवग्गीय परिव्राजको को प्रथम धम्म का उपदेश देकर ”धम्मचक्क पवत्तन ” किया और आज से ही भिक्षुओं का वर्षावास शुरु होता है. आज के दिन उपासक-उपासिकाओ को बुद्ध विहार जाकर अष्ट शील ग्रहण करते हैं. उन्होंने कहा कि ”धम्मचक्क प्रवर्तन सुत्त” के साथ अन्य सुत्तो को पाठ करके विपासना करना चाहिए, ताकि हर प्रकार के रोग का नाश हो. जबकि बौद्ध उपासक प्रमोद शर्मा ने कहा कि तथागत बुद्ध इस वैश्विक महामारी कोरोना से सारी दुनिया को मुक्ति दिलाये तथा सबका मंगल हो. सबने मिलकर त्रिरत्न का पाठ किया.
इस मौके पर मनीष दुबे, माधव शर्मा, बलिंद्र सिंह, मंटू कुमार ठाकुर व हरिशंकर चौहान आदि उपस्थित रहें. (सेंट्रल डेस्क).
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