Abhi Bharat

नालंदा : जिले में है माता का एक ऐसा मंदिर जहां नवरात्र में महिलाओं का प्रवेश रहता है बंद

नालंदा में माता का एक ऐसा मंदिर है, जहां नवरात्र में महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी रहती है. बिहारशरीफ से महज 16 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है घोसरावां गांव, जहां मां आशा देवी का मंदिर है.

बता दें कि इस मंदिर में नवरात्र के अवसर पर माता की विशेष पूजा होती है. जिसे वाम पूजा या तंत्र पूजा कहा जाता है. नवरात्र के अवसर पर लोग यहां तंत्र की सिद्धिया प्राप्त करते है. जिसके कारण नवरात्र के अवसर पर नौ दिनों तक इस मंदिर में महिलाओ के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी जाती है. शायद पुरे विश्व का माता का पहला मंदिर होगा जहा महिलाओं के प्रवेश पर सदियों से पाबन्दी लगा दी गयी है. नवमी के दिन मीशा पूजा के बाद यहां पशुओं की बलि दी जाती है और दशमी की रात्रि आरती के बाद ही महिलाओं को माता के दर्शन की अनुमति दी जाती है.

इस मंदीर में आशा देवी माता की दो मूर्तियों के अलावे शिव पार्वती और भगवान बुद्ध की कई मूर्तियां हैं. काले पत्थर की सभी प्रतिमाए बौद्घ, शुंग और पाल कालीन हैं. जानकारों का कहना है की आठवीं शताब्दी में ब्रज यान, तंत्र यान और सहज यान का बहुत तेजी से फैलाव हुआ था. उस समय यह स्थल विश्व का सबसे बढ़ा केंद्र रहा. बौद्ध धर्मे के धर्मलाम्बी सभी सिद्धाचार्य अपनी सिद्धि के लिए इसी स्थल का उपयोग करते थे. माता के 84 सिद्धपीठ में इसे भी एक सिद्धपीठ माना जाता है. जातक कथाओं में सिद्धि के लिए महिलाओं को बाधक माना गया है, इस कारण दोनों नवरात्र में मंदिर में महिलाओं का प्रवेश वर्जित रहता है. (प्रणय राज की रिपोर्ट).

You might also like

Comments are closed.