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सीवान : बड़हरिया विधान सभा क्षेत्र में जदयू के प्रबल दावेदार डॉ अजीत सिंह का जनसंपर्क अभियान तेज

सीवान || जिले के बड़हरिया विधान सभा क्षेत्र में आगामी चुनाव को देखते हुए जदयू के संभावित उम्मीदवार डॉ अजीत सिंह उर्फ राजू सिंह ने जनसंपर्क अभियान को धार दे दी है. वे लगातार गांव-गांव और टोले-टोले में जाकर आम लोगों से मुलाकात कर रहे हैं. जन सभाओं और चौपालों के माध्यम से वे जनता को आगामी 20 सितंबर को होने वाले बड़हरिया विधान सभा सम्मेलन में शामिल होने के लिए और अपनी योजनाओं और पार्टी की नीतियों की जानकारी दे रहे हैं.

डॉ अजीत सिंह अपने जनसंपर्क के दौरान क्षेत्र में सड़क, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य और युवाओं के रोजगार जैसे मुद्दों को प्रमुखता से उठा रहे हैं. वे लोगों से वादा कर रहे हैं कि यदि उन्हें मौका मिला तो क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे. उनके अभियान में कार्यकर्ताओं का भी उत्साह देखने को मिल रहा है. जदयू के स्थानीय नेता और समर्थक बड़ी संख्या में उनके साथ घर-घर जाकर संपर्क कर रहे हैं. ग्रामीण इलाकों में महिलाओं और युवाओं का खासा समर्थन उन्हें मिलता दिखाई दे रहा है. इधर, विपक्षी दलों ने भी अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं. राजद और भाजपा जेडीयू कार्यकर्ता डॉ अजीत सिंह के प्रभाव को चुनौती देने के लिए जनता के बीच पहुंच रहे हैं. विपक्षी नेताओं का कहना है कि जदयू के सभी दावेदार सिर्फ वादे कर रहे हैं विहार में लगातार 20 साल से एनडीए की सरकार है. बाबजूद क्षेत्र की वास्तविक समस्याओं का समाधान अब तक नहीं हुआ है. वे अपने-अपने उम्मीदवारों को जनता के सामने बेहतर विकल्प बताने का प्रयास कर रहे हैं.

वहीं जनता की राय भी इस चुनावी माहौल में बंटती हुई नजर आ रही है. गांव के बुजुर्ग मतदाता विकास कार्यों को मुद्दा मान रहे हैं, जबकि युवा वर्ग रोजगार और शिक्षा को लेकर उम्मीदवारों से सवाल कर रहा है.।कई ग्रामीणों का कहना है कि वे सिर्फ उसी उम्मीदवार को समर्थन देंगे जो शिक्षित हो और क्षेत्र में जनता के बीच रहने वाला हो और ईमानदारी से क्षेत्र में काम करेगा. वहीं, कुछ लोग जदयू के प्रति सकारात्मक रुख दिखा रहे हैं तो कई लोग विपक्ष की ओर झुकाव रखते हैं. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस बार बड़हरिया का चुनावी मैदान काफी दिलचस्प होगा. बहरहाल, डॉ अजीत सिंह उर्फ राजू सिंह के बढ़ते जनसंपर्क ने जहां जदयू खेमे को उत्साहित किया है, वहीं विपक्षी दल भी अपनी रणनीति को और मजबूत करने में जुट गए हैं. (राकेश रंजन गिरी की रिपोर्ट).

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