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दुमका : छठ व्रतियों की घाटों पर उमड़ी भीड़, अस्ताचलगामी सूर्य को दिया गया अर्घ्य

दुमका में मंगलवार को लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा को लेकर घाटों पर लोगों की भारी भीड़ उमड़ी जहां छठ व्रतियों ने शाम 4:20 बजे अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को पहला अर्ध्य दिया.

 

बता दें कि इस महापर्व को लेकर जिला प्रशासन और सरकार के खुद मंत्री कई दिनों से कमर कसे हुये थे. मंगलवार को अर्ध्य के पहला दिन करीब एक बजे दिन से दुमका में स्थित छठ घाटों पर श्रद्धालुओ का आना शुरू हो गया था.

 

छठव्रती डाला और सूप को लेकर अपने अपने घाटों में पहुंच गए थे. पूरा घाट छठव्रतियों से भरा पड़ा हुआ था. वहीं इस महान पर्व को देखने के लिए दूरदराज से लोग पहुंचे हुये थे. इस पर्व को लेकर आयोजक द्वारा दुमका के छठ घाटों को भव्य रूप से सजाया गया. श्रद्धालुओ की सुरक्षा को धयान में रखते हुए दुमका के छठ घाटों में बेरिकेटिंग लगाया गया है और नाव और गोताखोरो की व्यवस्था की गई.

 

वहीं प्रशासन द्वारा पर्याप्त पुलिस बल की व्यवस्था भी की गई, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से निपटा जा सके. इस महापर्व को लेकर सूबे के मंत्री और जिला प्रशासन खुद कमान संभाले हुये थे. झारखण्ड की समाज कल्याण मंत्री डॉ लुईस मरांडी ने जिला प्रशासन के साथ दुमका के कई छठ घाटों का निरिक्षण कर आयोजकों से इस महापर्व की तैयारी की जानकारी ले रही थी.

 

दिन के तीन बजने के बाद छठ व्रतियों और उनके परिजनों का घाटों पर आना शुरू हो गया. जहां छठी मां की सिरशोफताओ पर व्रतियों ने छठ गीत गाकर पूजा अर्चना की और फिर शाम 4:20 से अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देना शुरू किया. अर्घ्य देने के बाद सूर्यास्त होने पर व्रती वापस घर लौट गए.

 

वहीं बुधवार को भले सुबह घाटों पर एकबार फिर से छठव्रतियों और उनके परिजनों व श्रद्धालुओं का तांता लगेगा जहां गाय के दूध से उदयीमान भगवान भाष्कर को अर्घ्य दिया जाएगा. इसके बाद चार दिनों के इस कठोर व्रत का समापन होगा और व्रती पारण करेंगे.

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