मुंगेर : महिलाओं ने की वट सावित्री पूजा, पति के दीर्घायु होने की कामना की
अमृतेश सिन्हा
मुंगेर में वट सावित्री पूजा के मौके पर सोमवार को महिलाओं ने अहले सुबह ही स्नान कर वट वृक्ष की पूजा की तथा अपने पति के दीर्घायु की कामना की.
पौराणिक कथा के अनुसार इस पर्व में महिलाएँ सोलह श्रृंगार के साथ व्रत करती हैं तथा आम और लीचीयों का भोग लगाती है. पूजा के मौके पर वटवृक्ष को लाल-पीले कच्चे धागों से सजा दिया जाता है. इस पर्व को वट-सावित्री आमावस्या के नाम से भी जाना जाता है. दिन में महिलाएं पूरे दिन का उपवास रखती हैं तथा शाम को पति के चरण स्पर्श कर फलाहार के बाद व्रत तोड़ती हैं.
मान्यता है कि सावित्री इसी दिन अपने मृत पति सत्यवान के आत्मा को यमराज से वापस मांग ली थी. अपनी सूझ-बुझ से सावित्री अपने पति को जिंदा करने में सफल रही थी. वट सावित्री की पूजा दिन के मध्य में की जाती है क्योंकि सती सावित्री अपने पति सत्यवान के प्राण यमराज से वापस लाकर पति को पुनर्जीवित किया था, उस समय मध्याह्न था एवं ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष अमावस्या होने के कारण तेज धूप भी थी. उसी समय यमराज ने सावित्री को सती सावित्री नाम से सुशोभित किया था.
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