छपरा : शिक्षक पुत्र ने मेहनत और लगन की बदलौत हासिल किया आर्मी में लेफ्टिनेंट का पद
अमित प्रकाश
कहते हैं कि अगर इंसान के अंदर कुछ कर गुजरने का जज्बा हो और उसका हौसला बुलंद हो तो कोई भी मुकाम को हासिल किया जा सकता है. यह बात बिलकुल सटीक बैठती है छपरा के एकमा नगर पंचायत स्थित भरहोपुर गांव निवासी शिक्षक मनोज सिह के 22 वर्षीय पुत्र साकेत सौरभ पर. जिसने अपनी मेहनत की बदौलत इंडियन आर्मी में लेफ्टिनेंट बन कर अपने पिता ही नही बल कि पूरे जिले का नाम रौशन किया है.
लैफ्टिनेंट साकेत चार साल की कठिन ट्रेनिंग के बाद शनिवार को ऑफिसर ट्रेनिंग एकेडमी गया के स्टेडियम में हुये दीक्षिता पासिंग आउट परेड में कमीशंड हो कर आर्मी का ऑफिसर बना. ऑफिसर बनने के बाद साकेत की पोस्टिंग मैकेनाइज्ड इन्फेंट़ी के एविएशन कोर मे हुई है. जिसमे वह सेना के हेलिकॉप्टर का पायलट बन उडान भर सकेगा. दीक्षिता के पीओपी के चीफ गेस्ट आफगानिस्तान आर्मी के चीफ मो शरीफ यखतली व इंडियन आर्मी सेंट्रल कमांड के चीफ लेफ्टिनेंट जेनरल बीएस नेगी को कुल 166 जेंटलमैन कैडेट्स के साथ कमीशंड हुये साकेत सौरभ ने भी दीक्षांत परेड मे सलामी दिया.
बटे दें कि भरहोपुर निवासी शिक्षक दम्पति मनोज सिंह और बबीता सिंह के प्रथम पुत्र साकेत सौरभ की प्रारंभिक शिक्षा गांव से ही हुई. इसके बाद 10वी संतपाल हाई स्कूल हाजीपुर से करने के बाद 12वी की पढ़ाई संत माइकल स्कूल पटना से पूरी की. सौरभ शुरु से ही सेना का ऑफिसर बनने कालक्ष्य बनाए हुये थे. साकेत ने इसी दौरान इलाहाबाद से एसएसबी कंपीट कर आर्मी से टीईएस 30 बैच के लिये चयनित हुआ. ओटीए गया व सिटीडब्लू सिंकदराबाद मे चार साल के आर्मी की कठिन ट्रेनिंग के साथ जेएनयू दिल्ली से बीटेक की पढ़ाई की. जिसे वह कमीशनिंग के बाद पूरा करेगा. आर्मी मे सौरभ ने अपनी खुशी का इजहार करते हुये कहा कि देश की रक्षा करने का जूनून था. वह सपना पूरा कर देश मे लग गया. साकेत सौरभ ने अपनी इस कामयाबी के पीछे मां और पिता के साथ मामा डॉ शशि कुमार, नाना जगतनारायण सिंह और नानी को प्रेरणास्रोत बताया. वहीं उसकी इस उपलब्धि पर उसके परिवार समेत पूरा भरहोपुर गांव खुश है.
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