बेतिया के गौनाहा प्रखंड में गांवों सुरत व सीरत बदलने में जुटी महिलायें, झाड़ू-कुदाल से खुद कर रहीं हैं सफाई
अंजलि वर्मा
बेतिया के सबसे पिछड़े इलाके की महिलाओ ने देश के सामने कुछ ऐसी तस्वीर पेश की है जो कि पुरे देश के लिए एक उदाहरण बन सकता है. मामला गौनाहा प्रखंड क्षेत्र से जुदा है जहाँ इन दिनों इलाके की महिलाओं ने स्वच्छ भारत मिशन को आड़े हाथो लिया है और खुद ही कुदाल, फव्वारा व झाड़ू लेकर सफाई अभियान में जुट गयी हैं.
कहा जाता है कि कोई महिला यदि ठान ले तो परिवार क्या गांव की भी तस्वीर बदल सकती है. और सिर्फ गांव हीं नहीं बल्कि थारू बहुल इलाके की इन महिलाओ के जुनून व हौसले के सबक को हर कोई सीख ले तो देश भी बदल सकता है. बेतिया के गौनाहा प्रखंड क्षेत्र के कई गांवो में आजकल ऐसा हीं नजारा देखने को मिल रहा है.
जंहा महिलाए खुद कुदाल उठा कर अपने गांव व देश की तस्वीर बदलने में लगी हुई हैं. गंदगी से होने वाली बिमारी से खुद को बचाने व गांव को स्वच्छ व साफ रखने के लिए इस क्षेत्र की महिलाएं आज खुद हीं हाथ में कुदाल लेकर सड़को की सफाई में जुटी हुई है ताकि उनका घर, गांव व देश स्वच्छ व साफ रहे. गांव की जगनंदनी देवी का कहना है कि जरूरी नहीं कि हर काम सरकार हीं करें. अगर, हम और आप ठान लें तो सरकार के किसी योजना की कोई जरूरत हीं महसूस नहीं होगी.
दरअसल, नरकटियागंज अनुमंडल क्षेत्र का गौनाहा प्रखंड की यह वह धरती है. जंहा से सौ साल पहले महात्मा गांधी ने पुरे देश को सत्याग्रह व अहिंसा का पाठ पढ़ाया था और आज सौ साल बाद यहां कि महिलाएं पुरे देश को स्वच्छता का संदेश दे रही हैं. गांधी के सपने को साकार कर रही है यहां कि महिलाए देश के नजीर बन गयी है. भले हीं थारू बहुल इलाके की महिलाएं ज्यादा पढ़ी लीखी नहीं हैं, लेकिन इस क्षेत्र की महिलाओ ने अपने जुनून से देश को एक नया पाठ पढ़ाया है.
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