चाईबासा : लोन दिलाने के नाम पर साढ़े 18 लाख रुपए की ठगी करने वाला ठग समाहरणालय परिसर से गिरफ्तार
चाईबासा में छः माह पूर्व शेयर मार्केट में पैसे दुगुने करने के नाम पर निवेशकों से करोड़ों रूपये की ठगी के बाद अब मुख्यमंत्री सृजन योजना से व्यवसाय ऋण दिलाने के नाम 18 लाख 50 हजार रुपये की ठगी का मामला प्रकाश में आया है. मामला कुमारडुंगी थाना क्षेत्र के टूंटाकाटा गांव का है. मामले का खुलासा तब हुआ, जब लोगों ने बुधवार को ठग को समाहरणालय परिसर में देखा. लोगों ने उसे पकड़कर डीसी के पास पेश किया जिसके बाद उसे जेल भेज दिया गया.
बताया जाता है कि कुमारडुंगी थाना क्षेत्र के टूंटाकाटा गांव में उक्त ठग घनश्याम पुरती एक महिला की सहेली का पति बनकर आया था और गांव की तीन बहनों से कुल 18 लाख 50 हजार रुपये की ठगी कर ली और उसके बाद वह फरार हो गया था. लेकिन बुधवार को पीड़ितों ने उसे डीसी ऑफिस में देख लिया. जिसके बाद लोग पकड़कर उसे डीसी के सामने ले गए और मामले की शिकायत की. पूछताछ व फटकार के बाद डीसी के निर्देश पर कुमारडुंगी थाने में ठग के खिलाफ प्राथमिकी दर्जकर आरोपी को जेल भेज दिया गया.
मिली जानकारी के अनुसार, घनश्याम पुरती डीसी ऑफिस में ही राज्य आदिवासी सहकारी निगम कार्यालय में दलाली का काम करता है. वहां आनेवाले आवेदकों को ठगी का शिकार बनाता हैं. लेकिन, इस बार वह यहीं से पकड़ा गया. ठगी की शिकार हुईं महिला टूंटाकाटा निवासी सीता सिंकू ने थाने को दिये आवेदन पत्र में बताया कि ठगी की इस घटना को स्टेशन कॉलोनी चाईबासा निवासी ठग घनश्याम पुरती ने अंजाम दिया है. घनश्याम पुरती मेरी सहेली बेलमती सिदू का पति है. गोईलकेरा थाना अंतर्गत कुईड़ा गांव निवासी बेलमती सिदू से मेरी मुलाकात 2018 में महिला कॉलेज में पढ़ाई के दौरान हुई थी. मैं तब अपनी बहन अर्चना सिंकू तथा चचेरी बहन बुधना सिंकू के साथ पढ़ती थी. जब मैने घर की आर्थिक तंगी का जिक्र उससे किया तो उन्होंने मुझसे कहा कि मेरे पति घनश्याम पुरती को मुख्यमंत्री सृजन योजना के तहत दस लाख रुपये का लोन मिला है. यदि तुमलोग भी चाहो तो झारखंड राज्य आदिवासी सहकारी निगम से बिजनेस के लिये ऋण ले सकते है. इसके बाद हम तीनों बहनों ने ऋण लेने का फैसला किया. माघे पर्व में बेलमती के पति घनश्याम हमारे घर आया तो हमें ऋण के संबंध में सारी जानकारी दी. इसके बाद घनश्याम ने हम तीनों को अपने आवास स्टेशन कॉलोनी बुलाकर कई दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करवाया. आडीबीआई की चाईबासा शाखा में अकाउंट भी खुलवाया. बैंक से चेकबुक भी मिला. लेकिन ऑफिस में ब्लैंक चेक जमा करने के नाम पर उन्होंने ब्लैंक चेक पर हम तीनों के हस्ताक्षर भी ले लिये. यह 2021-22 की घटना है. फिर 1 जनवरी 2024 को 6 लाख 25 हजार रुपये मेरे खाते में आये, लेकिन 2 जनवरी को घनश्याम ने बहला-फुसला कर हमसे चेक द्वारा पूरे 6 लाख रुपये निकलवा लिये और सारे पैसे हमसे ले लिये. तत्पश्चात मुझे शक हुआ कि कुछ ठीक नहीं है. फिर मैने बहनों से बात की तो पता चला कि उनके साथ भी ठगी की घटना हो चुकी है. अर्चना सिंकू के खाते से 6 लाख 50 हजार तथा बुधना सिंकू के खाते से 6 लाख रुपये घनश्याम पुरती अपने खाते में ट्रांसफर करवा चुका था. सीता सिंकू ने ये भी कहा कि घनश्याम पुरती इसके अलावे मझगांव निवासी सुखलाल चातर को भी फंसाकर रखा है. उसका भी ब्लैंक चेक पर हस्ताक्षर ले रखा है. खाते में पैसे आते ही वह भी ठगी का शिकार हो सकता है. घनश्याम पुरती मूलरूप से गोईलकेरा थाना क्षेत्र के नक्सल प्रभावित कुईड़ा गांव का रहनेवाला है. इधर, कुमारडुंगी थाना में घनश्याम पुरती के खिलाफ प्राथमिकी दर्जकर उसे जेल भेज दिया गया है.
छः माह पूर्व धनुज केराई ने की थी करोड़ों की ठगी
बता दें कि महज छः माह पूर्व ही पश्चिमी सिंहभूम जिले में शेयर मार्केट में पैसे दुगुने करने के नाम पर करोड़ों की ठगी का मामला सामने आया था, इस संबंध में आरोपी धनुज केराई के खिलाफ मुफस्सिल थाने में मांगीलाल रुंगटा स्कूल की शिक्षिका सुखमति बारी ने प्राथमिकी दर्ज करवायी थी. यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है. शिकायत में सुखमति बारी ने 67 लाख की ठगी की बात कही थी. नोवामुंडी के उईसिया गांव निवासी धनुज केराई समेत अन्य को उन्होंने आरोपी बनाया है. फिलहाल, सब फरार हैं. सोनुवा थाने में भी धनुज केराई के खिलाफ वहां के एक शिक्षक से 50 लाख रुपये से अधिक की ठगी का मामला दर्ज है. इसके अलावे झींकपानी प्रखंड के टुटूगुटू निवासी शिक्षिका द्रोपदी देवगम (पुरती) से भी 50 लाख रुपये की ठगी का ये आरोपी है. पुलिस इसकी तलाश कर रही है. लेकिन, अभी तक कानून की पकड़ से दूर है. (संतोष वर्मा की रिपोर्ट).
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