पटना में 2019 के फरवरी में आयोजित होगा तीन दिवसीय इंटरनेशनल डेयरी कॉन्फ्रेंस, देश-विदेश के पांच हजार प्रतिनिधि करेगें शिरकत
अभिषेक श्रीवास्तव (प्रधान संपादक)
बिहार की राजधानी पटना में अगले वर्ष तीन दिवसीय इंटरनेशनल डेयरी कॉन्फ्रेंस आयोजित होने जा रहा है. फरवरी 2019 में 7,8 और 9 को पटना के ज्ञान भवन में आयोजित होने वाले इस इंटरनेशनल डेयरी कॉन्फ्रेंस में देश और विदेशों से लगभग 5000 प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे, जिसमें 500 फॉरेन डेलिगेट्स भी शामिल हैं. मुख्यतौर पर चाइना, इटली ,जर्मनी, यूएसए, डेनमार्क समेत दर्जन भर से ज्यादा देशों से प्रतिनिधि इस कार्यक्रम में शिरकत करेंगे.
बता दें कि तकरीबन तीन दिनों तक दुनिया भर के विशेषज्ञ इस कार्यक्रम में डेयरी विकास, विपणन, दुध के उत्पादन समेत अन्य तकनीकी मुद्दों को अपने अनुभवों को साझा करेंगे एवं नवीन प्रयोगों से सदस्यों को अवगत कराएंगे. देशी और विदेशी मशीनरी की प्रदर्शनी भी लगायी जाएगी. इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति को भी शामिल होने के लिए न्योता भेजा जा रहा है.
गौरतलब है कि पटना डेयरी प्रोजेक्ट के एमडी सुधीर सिंह ही इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के अध्यक्ष हैं. पटना डेयरी प्रोजेक्ट को एक नई मुकाम तक पहुंचाने में अहम योगदान देने वाले एमडी सुधीर सिंह को हाल ही में एसोचेम द्वारा उन्हें लाइफ टाइम अवार्ड से भी नवाजा जा गया है. इतना ही नहीं पटना डेयरी प्रोजेक्ट को रुरल डेवलपमेंट एक्टिविटिज कैटेगरी के लिए भी पुरस्कृत किया गया है.
एमडी सुधीर सिंह ने यह भी बताया की वर्तमान समय में 2600 गांवों से दूध का प्रतिदिन उठाव होता है जिन्हें पटना डेयरी में प्रॉसेस किया जाता है यानि तकरीबन 4 लाख लीटर दूध का उत्पादन होता है जिसमें से 3 लाख लीटर की खपत होती है. जबकि शेष एक लाख लीटर दूध का पाउडर तैयार किया जाता है. इस डेयरी प्रोजेक्ट से 350 महिला समिति जुड़ी हुई है. जिससे हजारों परिवारों की जीविका निर्भर करती है. यह महिला सशक्तिकरण का एक बड़ा उदाहरण भी है. श्वेत क्रांति के जनक डॉ वर्गीज कुरियन का बिहार से काफी गहरा लगाव था. वे पटना डेयरी प्रोजेक्ट के संस्थापक थे और आठ वर्षों तक इसके अध्यक्ष भी रहे थे.
राज्य सरकार द्वारा स्थापित स्टेट डेयरी प्रोजेक्ट कारपोरेशन जब घाटे का सौदा साबित हो गया तब सरकार को डॉ वर्गीज कुरियन की याद आयी. राज्य सरकार के बुलावे पर वेे बिहार आये और 1981 में पटना डेयरी प्रोजेक्ट की स्थापना की. वे पटना डेयरी प्रोजेक्ट के 1981 से 88 तक अध्यक्ष रहे. उनके साथ ही आये थे बिहार के युवा डेयरी इंजीनियर सुधीर कुमार सिंह. सुधीर सिंह वर्तमान में पटना डेयरी प्रोजेक्ट के प्रबंध निदेशक हैं.
सुधीर सिंह डॉ कुरियन के साथ व्यतीत किये पलों को याद करते हुए बताते हैं कि पटना डेयरी प्रोजेक्ट को मात्र 500 लीटर दूध से शुरू किया गया था और आरंभ में कई कठिनाईयों से गुजरना पड़ा था. सुधीर सिंह के प्रयासों की वजह से ही वर्तमान में पटना डेयरी प्रोजेक्ट में 4 लाख लीटर दूध का संग्रह प्रतिदिन हो रहा है. इनके मार्गदर्शन में शुरू किया गया डेयरी प्रोजेक्ट दिनोंदिन प्रगति पथ पर आगे बढ रहा है. आज सुधा एक ब्रांड है जिसने पूरे देश में खुद को स्थापित किया हैै.
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