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पाकुड़ : 70 वर्ष के होने के बावजूद मो इस्लाम नौनिहालों में जगा रहे शिक्षा का अलख

मक़सूद आलम

किसी ने खूब कहा है कि पंखों से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होती है. अगर आदमी मन में ठान ले तो वह क्या नहीं कर सकता है. एक शिक्षक को रिटायर हुए 11 वर्ष बीत गए, लेकिन उसने शिक्षा की अलख को जलाए रखा. गुरुजी अपने क‌र्त्तव्यों व दायित्वों से कब का सन्यास ले चुके हैं, लेकिन पाकुड़ का एक मात्र मॉडल स्कूल के होनहार बच्चों को राह दिखाने का काम कर रहे हैं.

गरीब बच्चों को शिक्षा से वंचित देख वह अपने आप को रोक नहीं पाए और उन्होंने 70 वर्ष के होने के बाद भी मॉडल स्कूल का शिक्षक बनकर वो भी प्रायोगिक शिक्षक बनकर शिक्षा देने की ठान ली है. नए-नए टिप्स से शिक्षा देकर मॉडल स्कूल पाकुड़ को झारखंड के मानचित्र पर ला दिया है. उक्त स्कूल के बच्चे सिर्फ मैट्रिक ही नही बल्कि राष्ट्रीय साधन सह मेघा छात्रवृति योजना परीक्षा में यहां के बच्चों ने झारखंड में अव्वल स्थान प्राप्त किया है.

सेवानिवृत्ति शिक्षक मोहम्मद इस्लाम जिला मुख्यालय से आठ किमी दूर स्थित कसीला स्थित मॉडल स्कूल में प्रतिदिन पढ़ाने जाते हैं. मोहम्मद इस्लाम 31 दिसंबर 2009 को रिटायर्ड हुए. गणित और विज्ञान के शिक्षक के रूप में पूरे जिले में इनकी नाम आज भी रौशन है. उन्होंने लगभग 25 वर्षो तक शिक्षक पद पर तैनात रहते हुए बच्चों को शिक्षित करने में अहम भूमिका निभाई. 31 दिसंबर 2009 को उच्च विद्यालय हरिणडांगा से प्रभारी प्रधानाध्यापक पद से रिटायर हुए. मो इस्लाम ने कहा कि सेवानिवृत्त होने के बाद उनका मन घर पर आराम करने में नहीं लगा. इस लिए उम्र होने के बावजूद मॉडल स्कूल में बच्चों को शिक्षित करने की ठान लिया. शुरुआत में थोड़ी परेशानी हुई लेकिन धीरे धीरे यहां के बच्चों में शिक्षा के प्रति लगाव होने लगा. मैट्रिक में यहां का रिजल्ट शत प्रतिशत रहा. सभी बच्चे प्रथम श्रेणी से पास हुए.

उन्होंने बताया राष्ट्रीय साधन सह मेधा छात्रवृति योजना परीक्षा 2018-2019 में राज्य टॉपर में 136 अंक लाकर राकेश रंजन गोश्वामी पहला रैंक प्राप्त किया. जबकि जिला टॉपर में मसरर्फ परवेज शेख, उम्र अब्दुल्लाह, विकास सिंह एवं आयुष कुमार रहे.

मॉडल स्कूल के प्रधान शिक्षक मोहम्मद इस्लाम ने कहा कि बच्चों को पढ़ने के लिए प्रेरित स्थानीय शिक्षक का भी योगदान रहा है. जिसमें अंग्रेजी के शिक्षक संतोष कुमार मड़ैया, भूगोल के शिक्षक रूप रेखा मुर्मू, सामाजिक शिक्षक अमित कुमार यादव का योगदान रहा है. उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राओं में प्रतिभा विकसित करना, उत्कृष्ठ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ साथ आधुनिक सोंच में बदलाव लाना है.

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