हजारीबाग : राज्य महिला आयोग और राज्य बाल अधिकार आयोग द्वारा सम्मानित हुए समाजसेवी सीके पांडेय
कुवर यादव
हजारीबाग जिला के बरकट्ठा प्रखंड के रहने वाले चंद्रकांत पांडेय ने कम समय में एक अलग पहचान बना रखे हैं. यह पहचान बरकट्ठा प्रखंड ही नहीं हजारीबाग जिला ही नहीं यह पूरे झारखंड राज्य में चंद्रकांत पांडेय के नाम से जाना जाता है. आज शिक्षा के क्षेत्र में एक अलग पहचान राज्यस्तरीय पर अपना छाप को बरकरार रखें हैं. आज के समय में शिक्षा एक बहुमूल्य माना जा रहा है. लेकिन शिक्षा के क्षेत्र में ही नहीं यह अपने समाज पर भी ध्यान देने में भी माहिर व्यक्ति माने जाते हैं.
बता देे कि बरकट्ठा विधानसभा के क्षेत्र में इन्होंने लगातार 2 वर्षों से समाज सेवा भी कर रहे हैं. इतना ही नहीं इन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में इनके द्वारा श्रीकांत मैथमेटिक्स के निदेशक चंद्रकांत पांडेय यह व्यक्ति अपने इंस्टिट्यूट में कंपटीशन की तैयारी करते आ रहे हैं. साथ ही गरीब बच्चों को भी निशुल्क शिक्षा लगातार विगत 10 वर्षों से सेवा एवं शिक्षा देते आ रहे हैं. लेकिन आज वही इनका 10 साल की मेहनत रंग लाई है. चंद्रकांत पांडेय को राज्य स्तरीय रांची में NHRCC के द्वारा “बाल अधिकार एवं शिक्षा ” के कार्यक्रम में बरकट्ठा के समाजसेवी सीके पाण्डेय को समाज के लिए व युवा बच्चों के लिए बेहतर कार्य के लिए प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया. जस्टिस आर के मेरठिया , राज्य महिला आयोग के अध्यक्ष कल्याणी शरण, राज्य बाल अधिकार आयोग के अध्यक्ष आरती कुजूर, केंद्रीय विश्वविद्यालय के डीन प्रो रविन्द्र शर्मा व प्रो बी पी सिन्हा ने सीके पाण्डेय के शिक्षा में उत्कृष्ट कार्य , महिला उत्थान, युवाओं को मुख्य धारा से जोड़ना इत्यादि कार्यो को सराहा.
इस कार्यक्रम में राज्य महिला आयोग के सचिव चंद्रशेखर झा, सदस्य शर्मीला सोरेन, आरती राणा, रांची महापौर आशा लकड़ा एनएचआरसीसी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ रंधीर कुमार, सीता दीया, बंटी साहू, गिरीश चंद्रा, प्रवीण रॉय, सिकंदर वर्मा, नरेंद्र शर्मा, नीतीश कुमार, राजदेश रत्न, मनोज पांडेय, सी के रंजन, विकाश कुमार, मुकेश कुमार, सुमित, अमित, बजरंग, पवन बर्णवाल, सिराज खान अरविंद कुमार, वसीम अहमद, शिवेश, शांतनु, ब्रजेश पांडेय, रोहित राज़, पारसनाथ सिंह, रितेश कुमार, हरिओम प्रसाद, पिंटू रजक, प्रेम प्रकाश, ओमप्रकाश सिंह एवं झारखंड बिहार बंगाल दिल्ली झारखंड के सैकड़ों लोग उपस्थित थे.
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