सीवान : लोकगायक आलोक पांडेय ‘गोपाल’ थावे विद्यापीठ के डॉक्टरेट की मानद उपाधि से हुए सम्मानित

सीवान || जिले के लाल और अपने सुरों से भोजपुरी लोकगायन को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने वाले प्रख्यात लोकगायक आलोक पांडेय ‘गोपाल’ को थावे विद्यापीठ द्वारा विद्या वाचस्पति (डॉक्टरेट) की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया है. आलोक को यह सम्मान भारतीय लोक संस्कृति के वैश्विक स्तर पर प्रचार-प्रसार, हिंदी एवं भोजपुरी साहित्य के संरक्षण और संवर्धन में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए दिया गया.

बता दें कि गत रविवार को बाबा हरिहरनाथ मंदिर, सोनपुर में थावे विद्यापीठ के विशेष अधिवेशन के दौरान यह उपाधि उन्हें प्रदान की गई. इस अवसर पर विद्यापीठ के कुलपति डॉ विनय पाठक, कुलसचिव डॉ पीएस दयाल, पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ संजय पासवान, प्रति-कुलपति जंग बहादुर पांडेय और डॉ अरविंद सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहें. वहीं आलोक पांडेय को मिले इस सम्मान से उनके प्रशंसकों में जबरदस्त उत्साह है. सोशल मीडिया और फोन पर बधाइयों का तांता लगा हुआ है.
गौरतलब है कि सीवान जिले के बंगरा उज्जैन गांव निवासी आलोक पांडेय एक दशक से ज्यादा समय से भोजपुरी संगीत और पारंपरिक लोकगायन में अपना योगदान कर रहे हैं. संगीत की विरासत उन्हें अपने परिवार से मिली है. उनके पिता शास्त्रीय गायक पंडित रामेश्वर पांडेय ने बचपन से ही उन्हें संगीत की बारीकियां सिखाई. उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के विद्वानों से भी संगीत गायन की शिक्षा प्राप्त की है. टीवी चैनल महुआ के सुरसंग्राम और दूरदर्शन किसान चैनल के प्रतिष्ठित शो फोक स्टार माटी के लाल के विजेता रह चुके आलोक पांडेय ‘गोपाल’ अपनी सुरीली आवाज और ओजपूर्ण गायकी के लिए जाने जाते हैं. उनके गाए गीत न केवल भोजपुरी प्रेमियों के बीच लोकप्रिय हैं, बल्कि उन्होंने देश-विदेश में भी अपनी गायकी का परचम लहराया है. उनका आलोक पांडेय ‘गोपाल’, थाती द सोल ऑफ फोक और अमर रागष् यूट्यूब चैनल भी बेहद लोकप्रिय है, जहां वे पारंपरिक और नए भोजपुरी गीतों को प्रस्तुत करते हैं. (ब्यूरो रिपोर्ट).