नवादा : जिले के डॉ अविनाश बने कोरिया पोलर रिसर्च इंस्टिट्यूट द्वारा सम्मानित होने वाले देश के पहले वैज्ञानिक
नवादा जिले के हिसुआ प्रखंड के डॉ अविनाश कुमार ने वैश्विक स्तर पर पोलर एवं ओसियन रिसर्च में देश का परचम लहराया है. 12 वर्षों में 10 से अधिक अवार्ड हासिल कर चुके डॉ अविनाश को कोरिया पोलर रिसर्च इंस्टिट्यूट ने उन्हें पोलर रिसर्च में बेहतर कार्य करने के लिए एवं कोरियन प्रयोगशाला में तीन माह रहकर उत्तरी धुर्व में ग्लोबल वॉर्मिंग के कारण हो रहे प्रभाव से एशियाई देशों में मौसम के बदलावों के अध्ययन लिए मौका देते हुए इस प्रतिष्ठित सम्मान से सम्मानित किया है.
बताते चलें कि देश में इस तरह का सम्मान हासिल करने वाले वह पहले वैज्ञानिक बने हैं. अपने रिसर्च लाइफ में जहाँ डॉ अविनाश ने अंटार्कटिक, अटलांटिक एवं हिन्द महासागर सहित अरबीयन सी एवं बे ऑफ़ बंगाल में रहकर कई महीनों तक ओसियन एवं पोलर रिसर्च पर कार्य कर इसे एक नया मुकाम दिया. वहीं जापान एवं स्वीटजरलैंड जैसे देशों में भारत का प्रतिनिधित्व कर पोलर रिसर्च की दुनिया में देश का परचम लहराने के साथ अपना लोहा भी मनवाया है.
गोवा के नेशनल सेंटर फॉर पोलर एंड ओसियन रिसर्च, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (भारत सरकार) में सीनियर पोलर साइंटिस्ट के रूप में कार्यरत डॉ अविनाश कुमार बताते हैं कि एक छोटे से प्रखंड से अपनी प्रारंभिक शिक्षा की शुरुआत करने के बाद भी आज वह जिस मुकाम पर पहुंचे हैं उसमें उनके सम्पूर्ण परिवार के सहयोग के साथ उनके गुरुजनों का विशेष आशीर्वाद शामिल है. वे कहतें हैं कि संसाधनों की कमी हौसलों को पस्त नहीं करती है. इसे अगर सकारात्मक रूप से लिया जाए तो मुश्किलें महज आगे निकलने की चुनौती पेश करती है, जो किसी भी बड़ी सफलता की सूत्रधार बनती है. वह बताते हैं कि वह आज जिस मुकाम पर खड़े हैं उसमें उनके पिता डॉ अमरनाथ राव एवं स्वर्गीय माता का बहुत योगदान है. अपनी माता को याद करते हुए भावुक होकर बताते हैं कि उनकी माता की असामयिक मृत्यु ने पूरे परिवार को कुछ गहरे दर्द दिए हैं. लेकिन उनका आशीर्वाद आज भी उनके साथ है जो उन्हें मुश्किलों में भी आगे बढ़ने के लिए सतत प्रेरित करता है. उन्होंने कहा कि उनके चाचा शिवलोचन राव एवं उनके प्रारंभिक गुरु प्रवीण कुमार पंकज एवं जगदम्ब मंडल मुश्किल स्थितियों में हमेशा साथ खड़े रहे हैं एवं समय-समय पर मार्गदर्शन करते रहे हैं. अपनी सफलता में उन्होंने अपने मित्रों एवं हिसुआ वासियों की भी योगदान की चर्चा करते हए बताया कि आज उनका यह मुकाम सभी के सहयोग एवं आशीर्वाद का ही नतीजा है.
वहीं डॉ अविनाश के बड़े भाई डॉ शिशुपाल राव नवादा जिले के गोविंदपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में मेडिकल ऑफिसर के रूप में कार्यरत हैं. वे बताते हैं कि भाई की अनवरत सफलता को देखकर उन्हें ख़ुशी के साथ गौरव भी महसूस होता है. उनका कहना है कि चिकित्सा एवं विज्ञान एक दूसरे के संपूरक है. देश को अभी ऐसे ही युवा वैज्ञानिकों की जरूरत है जो अनुसंधान के क्षेत्र में देश का प्रतिनिधित्व कर सके एवं देश को वैश्विक स्तर पर नई पहचान दिला सके. उन्होंने अपने अनुज भाई डॉ अविनाश को उनकी सफलता के लिए ढेर शुभकामनायें दी एवं ऐसे ही आगे भी अग्रसर रहने की ख्वाहिश जाहिर की. (सन्नी भगत की रिपोर्ट).
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