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नालंदा : अलीगढ़ जेल में कई माह से बंद है जिले की एक बेटी, दो जजों की पहल के बाद घर वापसी की लौटी उम्मीद

नालंदा से बड़ी खबर है, जहां उत्तर प्रदेश के जिला कारागार अलीगढ़ में बंदी महिला को उसके परिवार तक पहुंचाने के लिए दो जजों द्वारा शुरू की गयी मानवीय पहल रंग लाने लगी है. महिला के पिता और घर का पता चल चुका है. पिता उसे रखने के लिए भी तैयार हो गये हैं. जल्द ही उक्त महिला कानून प्रक्रिया के तहत मुक्त होकर अपने पिता के पास आ सकेगी.

बता दें कि उक्त महिला जुलाई 2019 से ही जिला कारागार अलीगढ़ में बंद है. जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अलीगढ़ के पूर्णकालीन सचिव दीपक कुमार मिश्र ने किशोर न्याय परिषद नालंदा के प्रधान न्यायिक दंडाधिकारी मानवेन्द्र मिश्रा से संपर्क कर उक्त महिला द्वारा बताये गये पता उपलब्ध कराया था.

दरअसल, अलीगढ़ के जज श्री मिश्र को जेजेबी नालंदा के जज मानवेन्द्र मिश्रा के कई मानवीय व चर्चित फैसलों की जानकारी मिली तो उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से मानवेन्द्र मिश्रा का फोन नम्बर उपलब्ध कर संपर्क किया और सहयोग मांगा ताकि महिला अपने परिवार के पास पहुंच सके. महिला ने अपना पता थरथरी प्रखंड के अस्ता खरजमा निवासी दुर्गेश प्रसाद की पुत्री पुष्पलता के रूप में दी थी. मानवेन्द्र मिश्रा ने अपने सोर्स के माध्यम से पता का सत्यापन किया, जिसमें महिला द्वारा बताया गया पता सही निकला. मिली जानकारी के अनुसार स्थानीय पुलिस पदाधिकारियों ने सपंर्क साधा तो पिता पुत्री को साथ रखने के लिए तैयार हो गये हैं.

एक बच्चे की मां है पुष्पलता

जब पुष्पलता को जेल लाया गया था तब आठ माह की गर्भवती थी. उसकी मानसिक स्थिति भी सही नहीं थी. मानसिक चिकित्सालय वाराणसी में पुष्पलता का इलाज कराया गया. इलाज के बाद अक्टूबर 2020 को वह पुन: जेल लौटी. पुष्पलता को एक पुत्र पैदा हुआ था. उसकी मानसिक स्थिति को देखते हुए बच्चे को शिशु सदन आगरा में  रखा गया है.

कैसे जेल पहुंची पता नहीं

पुष्पलता ने जज को बताया कि उसकी मानसिक स्थिति पूर्व में खराब थी. इलाज पहले भी चला था, लेकिन वह कैसे और किन परिस्थिति में वह जेल पहुंच गयी उसे याद नहीं है। उसने यह भी बताया कि अब मानसिक स्थिति ठीक है. ससुराल का पता झारखंड के लातेहार जिला के गारू निवासी रविरंजन कुमार की पत्नी के रूप में बताया, जबकि मायके का पता नालंदा जिले के थरथरी प्रखंड का दिया.

परिवार वालों से मिलाने की लगायी थी गुहार

उन्होंने प्राधिकार के सचिव श्री मिश्र से प्रार्थना पत्र लिखकर कहा कि उसके परिवार का कोई कभी मिलने नहीं आया. आधार कार्ड खो गया है. उसने पति व माता-पिता से मिलवाने की गुहार लगायी. महिला की गुहार के बाद श्री मिश्र ने जिले में संपर्क कर घर वालों तक पहुंचाने की मुहिम शुरू की है. अब देखना यह है कि दोनों जजों की मुहिम कब रंग लाती है और कब नालंदा की बेटी की घर वापसी होती है. (प्रणय राज की रिपोर्ट).

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