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कैमूर : जिले के लाल अमरीश पुरी का कमाल, इंडिया रिकॉर्ड बुक में दर्ज करवाया अपना नाम

कैमूर जिले के भगवानपुर प्रखंड क्षेत्र के रहने वाले अमरीश पुरी उर्फ़ अमरीश कुमार तिवारी ने एक अलग ही रिकॉर्ड बनाकर जिले के साथ-साथ अपने प्रदेश का भी नाम रोशन किया है. बीते 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर अमरीश द्वारा बनायी गयी गोलाकार धान के भूसी से रंगोली को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में अमरीश का नाम दर्ज किया गया है.

बता दें कि अमरीश तीन भाइयों में से सबसे छोटे है. पर, उम्र के हिसाब से बड़ा मोकाम हासिल कर रखे है. अमरीश बताते है कि रंगोली को अबीर ग़ुलाल से नहीं बल्कि धान की भूसी से बनाया गया है. कैमूर के निवासी होने के नाते, कैमूर से संबंधित विषय कैमूर कृषि प्रधान क्षेत्र है और इसी को देखते हुए रंगोली को तैयार किया गया है. रंगोली मे विशेष प्रकार से जो रंग भरा गया है वो नेचुरल रंग है,रंगोली का आकार 900 वर्गफिट है. नौ सौ वर्गफिट की रंगोली काफ़ी लोगों के मन को लुभाया. ये सेल्फी पॉइंट के साथ ही साथ देशभक्ति के जज्बे को बढ़ाते हुए लोगों में एक अलग ही उत्साह देखने को मिला. पर, इस रंगोली को बनाने में काफ़ी दिक्क़ते भी आईं. धान की भूसी एक राइसमिल वाले से मांगा. आधी रात तक भूसी लाया, चुना और भूसी तथा भूसी को तिरंगे रंग में रंग कर पुरे रात मशक्कत करने के बाद आखिर में रंगोली तिरंगे का रूप धारण कर दिनांक 26 जनवरी 2022 को सुबह 8 बजे राष्ट्रीय ध्वज प्रतीत हुआ और सभी शहर वासियों को देखने के लिए रंगोली को सार्वजनिक कर दिया गया. जिसको देख शहरवासी काफ़ी ख़ुश हुए.

इंडिया बुक रिकॉर्ड के लिए दिनांक 28 जनवरी 2022 को अप्लाई किया गया. पूरे नौ महीने बाद ईमेल और कॉल के माध्यम से इंडिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड टीम से मैसेज प्राप्त होता है कि बधाई हो अमरीश कुमार तिवारी, इंडिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड में आपके नाम दर्ज कर लिया गया है. जिसके बाद खुशी का माहौल बन गया और इससे प्रेरित हो कर अब गिनीज बुक ऑफ़ वल्ड रिकॉर्ड के लिए अमरीश काम कर रहे हैं.

गौरतलब है कि इससे पूर्व में भी अमरीश कोई त्यौहार हो या किसी कि जयंती हो या सरकार कि कोई मुहिम, हर समय अपने कला को लेकर लोगों को जागरूक करते रहते हैं. कोरोना काल में सैंड आर्ट के जरिए लोगो को कोरोना से बचने का प्रेरित किये थे. बच्चों के बीच पेंटिंग का शिक्षा निःशुल्क में प्रदान करते है राज्य स्तरीय कला प्रदर्शनी का भी आयोजन कर चुके हैं. जिसमे बिहार झारखंड और उत्तर प्रदेश के कलाकार भी अपनी कला का प्रदर्शन किये थे. अमरीश का खुद का अपना एक संस्था भी है, “कलाकृति मंच” ज़िसके माध्यम से बच्चों को निःशुल्क में कला का शिक्षा भी प्रदान करते हैं. इसके अलावे कइ प्रकार के गतिविधियों का आयोजन अमरीश के द्वारा होते रहते है और अब अमरीश पुरी ने इंडिया बुक रिकॉर्ड में भी जगह बना लिए है, जो काफ़ी सराहनीय कार्य है. (विशाल कुमार की रिपोर्ट).

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