गोपलगंज : कपड़ा दुकानदार पिता के दो बेटों ने बीपीएससी परीक्षा में मारी बाजी, एक एसडीएम तो दूसरा बना कार्यपालक पदाधिकारी
सुशील श्रीवास्तव
गोपालगंज में एक पिता ने अपनी कपड़े की छोटी सी दूकान से न सिर्फ परिवार को चलाया. बल्कि अपने सभी बेटो को होनहार पदाधिकारी भी बना दिया. इस बार इस वयवसायी के दो बेटो ने बिहार बीपीएससी की परीक्षा में भी परचम लहराया है. इनके एक बेटे का जहां बिहार लोक सेवा आयोग की आयोजित 56वीं से 59वीं संयुक्त परीक्षा में 56 वां रैंक आया है. वहीं दूसरा बेटा कार्यपालक पदाधिकारी के पद के लिए चयनित हुआ है.
गोपालगंज के थावे बाजार में सुरेन्द्र प्रसाद की कपड़े की दूकान है. कपड़े की यह दूकान कभी छोटे से कमरे में हुआ करती थी. जो आज कुछ बड़ी दिख रही है. अपने इसी दूकान से कपड़ा व्यवसायी सुरेन्द्र प्रसाद ने अपने पांच बेटो में से चार को बड़ा अधिकारी बनाया. जबकि एक बेटा शिक्षक है. सुरेन्द्र प्रसाद के मुताबिक वे थावे के विदेशी टोला में रहते है. यही थावे बाजार में कपड़े की छोटी सी दुकान है. इसी दूकान की आमदनी से उन्होंने अपने परिवार को चलाया और बेटो को पढ़ाया-लिखाया. दो बच्चे इस बार बीपीएससी की परीक्षा में सफल हुए है. उन्होंने कहा कि एक बेटे आनंद कुमार का चयन एसडीएम में हुआ है. जबकि दुसरे बेटे मुकेश कुमार कार्यपालक पदाधिकारी बने है. अपने बेटो की इस सफलता पर पिता को गर्व है. दो भाईओ के सफल होने पर उनकी माँ इंदु देवी ने कहा की उनके चार बेटे अब अधिकारी बन गए है. आज उन्हें अपने सभी बेटो पर फक्र है.
वहीं अपने भाईयो की सफलता पर सुरेन्द्र प्रसाद के दुसरे बेटे गोपाल प्रसाद ने कहा कि उनके माँ और पिता ने शुरू से संघर्ष किया. जिसकी वजह से सभी भाई कपड़े की दूकान पर पिता का साथ देते थे और इसी में कुछ समय निकलकर पढ़ाई कर लेते थे. आज उनके एक भाई एसडीएम, दुसरा कार्यपालक पदाधिकारी, जबकि तीसरा भाई इलाहाबाद बैंक में मुख्य प्रबंधक और चौथा भाई सीवान में बीडीओ के पद पर कार्यरत है.
एक पिता ने अपने बुलंद हौसले से जाहिर कर दिया है कि बस जरुरत है निखारने की, फिर परिंदों को को खुले आसमान में उड़ने से कोई नहीं रोक सकता.
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