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छपरा : एक दशक बाद परिवार से मिले नौशाद आलम, सेवा कुटीर सारण ने निभाई अहम भूमिका

छपरा/सारण || सेवा कुटीर सारण ने एक दशक से परिवार से बिछड़े नौशाद आलम को उनके परिजनों से मिलवाकर मानवीय संवेदनाओं की मिसाल पेश की है. नौशाद आलम, जो कटिहार जिला (बिहार) के स्थायी निवासी हैं, मानसिक अवसाद में पड़कर वर्षों तक भटकते रहे. वर्ष 2012 में वे घर छोड़कर निकल गए थे और धीरे-धीरे मानसिक रूप से अस्वस्थ हो गए. इसी हालत में वे भीख मांगकर जीवन यापन करने लगे.

वहीं गत 27 अगस्त 2024 को छपरा के गांधी चौक पर भिक्षावृत्ति करते हुए सेवा कुटीर के कर्मियों की नजर नौशाद पर पड़ी. क्षेत्र समन्वयक विकास कुमार सिंह ने उनसे संपर्क किया और बातचीत में मानसिक रूप से व्यथित पाए जाने पर उन्हें सेवा कुटीर लाया गया, जहां उन्हें आवश्यक देखभाल, भोजन, आवास और चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई गई. कोईलवर के मानसिक अस्पताल में इलाज और निरंतर दवा तथा परामर्श के बाद उनकी स्थिति में सुधार आने लगा. कुछ समय बाद उन्होंने अपना स्थायी पता बताया, जिसके आधार पर सेवा कुटीर ने स्थानीय प्रशासन के सहयोग से उनके परिजनों से संपर्क स्थापित किया. वीडियो कॉल के माध्यम से जब नौशाद ने अपने परिवार को देखा तो भावुक क्षणों ने सभी को भावविभोर कर दिया.

इसके बाद कल यानी 25 जून 2025 को सहायक निदेशक, समाज कल्याण विभाग की उपस्थिति में नौशाद आलम को विधिवत उनके परिजनों को सौंपा गया. इस मौके पर सेवा कुटीर के लेखपाल, एएनएम, केयर टेकर, गार्ड और अन्य कर्मी मौजूद थे. परिवार ने खुशी-खुशी नौशाद को अपने साथ लिया और सेवा कुटीर की इस संवेदनशील पहल की सराहना की. सेवा कुटीर सारण द्वारा निभाई गई यह भूमिका न केवल सामाजिक उत्तरदायित्व का प्रमाण है, बल्कि यह दिखाता है कि संवेदनशील प्रयासों से किसी की ज़िंदगी में उजाला लाया जा सकता है. (ब्यूरो रिपोर्ट).

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