बेगूसराय : बीड़ी मजदूर का बेटा बना दारोगा
नूर आलम
बेेेगूसराय में बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग का परिणाम जारी होते ही प्रखंड क्षेत्र के सराय नूरनगर के रागिब सलीम उर्फ मोनू परीक्षा पास कर दरोगा बन गांव का नाम रौशन किया है.
गरीब परिवार में पला बढ़ा रागिब सलीम पहले नियोजित शिक्षक के रूप मे बछवाड़ा प्रखंड के मध्यविधालय भरौल में कार्यरत हुआ था. 11 महीने नौकरी करने के बाद शिक्षक की नौकरी छोड़कर दरोगा की तैयारी में लग गया. पीटी और मेंस की परीक्षा में सफलतापूर्वक पास करने के बाद म पटना में रहकर तैयारी करने में गरीबी सामने आने लगी तो उसने पटना हज भवन में रहना शुरू कर दिया. वह फिजिकल की तैयारी में जुट गया था और पास कर उसने अपने गांव समाज का नाम रौशन किया.
हालांकि उसके लिए दारोगा बनना आसान नही था. मुख्य रिजल्ट के प्रकाशन के पहले पटना उच्च न्यायालय ने रोक लगा दिया था और उच्च न्यायालय के आदेश के बाद परिणाम जारी होते ही गांव में खुशी छा गई. रागिब के पिता मो सलीम ने बताया कि मेरा बेटा मंसूरचक के ही नरनारायण सिन्हा उच्च विद्यालय से शिक्षा पाया और स्नातक तेघड़ा के आर बी एस काॅलेज तियाय से पूरा किया.
रागिब के बड़े भाई राशिद जो वे भी एक शिक्षक है उन्होंने बताया कि हमारे पिता भी दरोगा बनना चाहते थे लेकिन गरीबी के कारण दरोगा नही बन सके और तब से ही दिली तमन्ना थी कि हम नही तो क्या बेटा को दरोगा जरूर बनायेंगे और सामने सपना को सच होते देख अपने परिवार कि खुशी देख फूले नही समा रहे. वही रागिब ने बताया कि बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा की मुख्य परीक्षा दे कर घर आये हैं. असल सपना तो डीएसपी बनकर परिवार और समाज का सर उपर उठाना है. रागिब के पिता मध्यमवर्गीय परिवार से है. समसा चौक स्थित भाड़े के मकान में कपड़े दुकान चला कर अपने बच्चो को शिक्षा के प्रति प्रेरित कर रहे हैं. वही परिवार के अन्य सदस्य भी गरीबी से निजात पाने के लिए बीड़ी मजदूर परिवार होने के कारण बीड़ी बना कर सपना गढ़ने को तत्पर है.
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