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आरा में हिन्दू पत्रकार ने रोजेदार महिला को खून देकर बचाई जान

राजकुमार वर्मा

चाहे कोई किसी भी पेशे से जुड़ा हो उससे पहले वो इंसान होता है. वहीं ऐसे बिरले ही मिलते हैं जो मानवता के लिए सब कुछ करने को तैयार हो जाते हैं. ऐसी ही एक मिसाल कायम की है आरा के एक हिंदी दैनिक के पत्रकार विक्रांत कुमार राय ने. जिन्होंने मजहब के नाम पर एक दूसरे का खून बहानेवालों को एक नया सबक देते हुए धर्म की सारी दीवार तोड़ इंसानियत की मिसाल पेश की है.

बता दें कि पत्रकार विक्रांत कुमार राय ने बुधवार को एक रोजेदार महिला की तबियत बिगड़ने पर उसे दुर्लभ माना जाने वाला अपना एबी निगेटिव खून देकर न सिर्फ महिला की जान बचाई बल्कि मजहब के नाम पर एक दूसरे का खून बहाने वालों को सीख देते हुए सामाजिक सौहार्द का एक संदेश भी दिया है. पत्रकार विक्रांत राय को उक्त महिला के एबी निगेटिव खून की जरूरत की जानकारी फेसबुक से मिली. इतेफाक से पत्रकार विक्रांत राय का भी खून एबी निगेटिव ग्रुप का था जिसके बाद उन्होंने तत्काल उस फेसबुक पोस्ट पर अपना नाम और नंबर अंकित करते हुए मदाद करने की बात कही.

मदद मांगनेवाले ने उनसे संपर्क किया तो उन्होंने तत्काल आरा स्थित रेड क्रॉस सोसाइटी पहुंच महिला के परिजनों को रेड क्रॉस के जरिये अपना खून दान किया. जिले के चांदी थाना के भदवर गांव की निवासी बीमार महिला का नाम सायरा बानो बताया जाता है जिसका आरा के धनुपरा स्थित एक निजी नर्सिंग होम में इलाज चल रहा है।पत्रकार विक्रांत राय के इस कदम से महिला के पति एमएस जमा सहित सभी लोगों के चेहरे खुशी से खिल उठे.

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