सीवान : अधूरे टीकाकरण में इंद्रधनुष भरेगा रंग, चार चरणों में होगा टीकाकरण
राहुल कुमार
सीवान में अब नियमित टीकाकरण से वंचित बच्चों एवं गर्भवती माताओं को भी प्रतिरक्षित किया जा सकेगा. इसके लिए जिले में सघन मिशन इंद्र्धनुष की शुरुआत होगी. इसको लेकर डॉ नरेंद्र कुमार अपर निदेशक सह राज्य प्रतिरक्षण अधिकारी ने सभी जिलों के जिला प्रतिरक्षण अधिकारी को पत्र लिखकर अभियान के शुरू होने के पहले हेड काउंट सर्वे एवं ड्यू लिस्ट के संबंध में निर्देश जारी किया है.
चार चरणों में पूरा होगा अभियान:
पत्र के माध्यम से बताया गया है कि सघन मिशन इंद्र्धनुष के तहत चार चरणों में नियमित प्रतिरक्षण में छूटे हुये बच्चों का टीकाकरण किया जाएगा. प्रथम चरण 2 दिसंबर, दूसरा चरण 2 जनवरी 2020, तीसरा चरण 3 फरवरी 2020 एवं चौथा चरण 2 मार्च 2020 से प्रारम्भ होगा.
हेड काउंटिंग एवं ड्यू लिस्ट होगा तैयार :
अभियान के प्रथम चरण कि शुरुआत होने से पहले हेड काउंट सर्वे एवं इसके बाद ड्यू लिस्ट तैयार करने के निर्देश दिये गए हैं. इसको लेकर जिले में चिन्हित प्रखंडों में लाभार्थियों का 31 अक्टूबर तक हेड काउंट सर्वे करना होगा. साथ ही 5 नवंबर तक ड्यू लिस्ट भी तैयार करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. सर्वे में वैसे लाभार्थी जो विगत चार माह से अपने निवास स्थान पर नहीं रह रहे हैं उन्हें शामिल नहीं किया जाएगा.
कर्मियों का होगा उन्मुखीकरण:
अभियान को सफल बनाने के लिए संबंधित कर्मियों एवं पदाधिकारियों के उन्मुखीकरण के भी निर्देश दिए गए हैं. इसके लिए जिला एवं प्रखंड स्तर पर उन्मुखीकरण प्रशिक्षण का आयोजन होगा.
सामूहिक सहभागिता पर बल:
अभियान के कुशल क्रियान्वयन के लिए कार्यों का अनुश्रवण एएनएम एवं आशा फैसीलिटेटर द्वारा किया जाएगा. साथ ही अभियान के दौरान अन्य सहयोगी संस्था जैसे केयर इंडिया एवं विश्व स्वास्थ्य संगठन के जिला स्तरीय अधिकारियों द्वारा भी सहयोग किया जाएगा.
क्या है सघन मिशन इंद्र्धनुष :
प्रधानमंत्री द्वारा सघन मिशन इंद्रधनुष कार्यक्रम का शुभारंभ अक्टूबर, 2017 को गुजरात से किया गया था. इस कार्यक्रम के माध्यम से भारत सरकार द्वारा दो वर्ष की आयु के प्रत्येक बच्चे और उन गर्भवती महिलाओं तक पहुंचने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिन्हें टीकाकरण कार्यक्रम के तहत यह सुविधा नहीं प्राप्त हुई है. मिशन इंद्रधनुष के अंतर्गत वर्ष 2020 तक पूर्ण टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया है. इस कार्यक्रम के तहत नियमित प्रतिरक्षण से वंचित 2 साल तक के बच्चों एवं गर्भवती माताओं को प्रतिरक्षित करने का लक्ष्य है. इसके लिए शहरी झुग्गी-झोपड़ियों और उप-केंद्रों में ऐसे क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा जहां टीकाकरण या तो नहीं हुआ है या उसका प्रतिशत बहुत कम है.
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