सहरसा : वैक्सीन की बेहतर प्रबंधन व रख-रखाव को लेकर कोल्ड चैन हेंडलर को दी गयी ट्रेनिंग
सहरसा के क्षेत्रीय परीक्षण केंद्र में मंगलवार को एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया. जिसमें जिले के सभी कोल्ड चैन हेंडलर को वैक्सीन की बेहतर प्रबंधन व रख-रखाव को लेकर प्रशिक्षण दिया गया.
इस अवसर पर डीआईओ डॉ कुमार विवेकानंद ने बताया प्रत्येक प्रखंड के दो-दो एएनएम को कोल्ड चेन हेंडलर के रूप में नामित किया गया है. जिससे टीके की बेहतर प्रबंधन के लिए ट्रेनिंग दी जा रही है. उन्होंने बताया सभी सरकारी अस्पतालों में वैक्सीन को सुरक्षित रखने के लिए कोल्ड चेन का निर्माण किया गया है. कोल्ड चेन में वैक्सीन के लिए जरूरी तापमान बनाए रखने के लिए नियमित निगरानी की भी जरूरत होती है. वैक्सीन को सुरक्षित रखने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क (इविन) से सदर अस्पताल सहित पीएचसी के कोल्ड चेन प्वाइंट को जोड़ा गया है. इस इविन सिस्टम में एप्प के माध्यम से वैक्सीन के तापमान एवं गुणवत्ता आदि पर नजर रखी जा रही है. जीपीएस से वेक्सिन के कोल्ड चेन मेंटेनेंस सहित अन्य जानकारियां भी आसानी से मिल रही है.
वैक्सीन की होती है ऑनलाईन मॉनिटरिंग :
इविन मोबाइल एप्लिकेशन से सभी कोल्ड चेन में उपलब्ध वैक्सीन की ऑनलाइन मोनिट्रिंग की जा रही है. साथ ही इससे टीके की गुणवत्ता पर भी नजर राखी जा जाती है. टीके के सुरक्षित भंडारण के लिए नियत तापमान की जरूरत होती है. नियत तापमान में कमी या वृद्धि के कारण टीके के ख़राब होने की संभावना बढ़ जाती है. लेकिन इस एप की मदद से यह कार्य आसान हो गया है. अब कोल्ड चेन में नियत तापमान में कमी या वृद्धि होने पर अलार्म बजने लगता है. साथ ही इसकी सूचना एप के जरिये कोल्ड चेन प्रबंधक से लेकर जिला प्रतिरक्षण अधिकारी एवं यूनिसेफ के जिला अधिकारी को भी प्राप्त हो जाती है.
ऐसे काम करता है इविन :
सभी कोल्ड चेन पॉइंट पर आईएलआर में टीके को रखा जाता है. जिसमें टेमप्रेचर लोगर लगाया गया है. यह जीपीएस के जरिए काम करता है. इसकी मॉनिटरिंग जिला स्तर पर जिला प्रतिरक्षण अधिकारी एवं यूएनडीपी के वीसीसीएम द्वारा की जाती है. ऑनलाइन मॉनिटरिंग होने की वजह से राज्य स्तर से भी इसकी मॉनिटरिंग होती है. डीप फ्रीजर में थर्मामीटर लगे होने के कारण फ्रीजर के बंद या खराब होने पर इसकी जानकारी संबंधित स्टाफ के पास चली जाती है. फ्रीज का तापमान 2 से 8 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा जाने पर मोबाइल से मैसेज व अलार्म बजने लगता है. ऐसे में तुरंत स्टाफ जाकर टीके को देख लेता है और उसे खराब होने से बचा लिया जाता है.
स्टॉक की जानकारी हो रही अपडेट :
कोल्ड चेन स्टाफ को टीके की मॉनिटरिंग सिस्टम के लिए स्मार्ट फोन और एक जीबी का डाटा प्लान दिया गया है. वह इविन नेटवर्क की एप के जरिए टीके के स्टॉक को अपडेट करते हैं. इससे आरसीएचओ और जिला कोल्ड चेन मैनेजर को इविन वेबसाइट पर वैक्सीन की करेंट स्टॉक की जानकारी मिल जाती है. साथ ही विकसित किए गए एडवांस एप से कहां कितनी वेक्सिन है, वेक्सिन का रख-रखाव कैसा हुआ है यह भी जीपीएस से स्वचालित तौर पर अपडेट होता है. इसकी रिपोर्ट भी जिला स्तरीय पदाधिकारी को नियमित तौर पर प्राप्त होती है. इससे कोल्ड चेन में रखी दवा की एक्सपायरी भी जानने में आसानी हो रही है.
इस मौके पर जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ कुमार विवेकानंद, यूएनडीपी के भीसीसीएम मोहम्मद खालिद, यूनिसेफ के एसएमसी मंटेश नारायण मेहता व मजरूल हसन समेत अन्य शामिल थे. (राजा कुमार की रिपोर्ट).
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